नेरवा। बीते दो माह से बारिश न होने की वजह से क्षेत्र में शुष्क ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। अक्तूबर महीने के बाद हालांकि चूड़धार एवं उपमंडल चौपाल की अत्यधिक ऊंचे क्षेत्रों में एक दो बार हलकी बर्फवारी हो चुकी है, परंतु नीचले क्षेत्र में हलकी बूंदाबांदी को छोड़ कर पिछले दो महीने से बारिश न होने की वजह से दिसंबर महीने में एकाएक शुष्क ठंड में बढ़ोतरी हो गई है। बीते दो महीने से बारिश न होने की वजह से शुष्क ठंड के चलते लोगों को वायरल ने अपनी चपेट में ले लिया है। लोगों के वायरल की चपेट में आने से अस्पतालों में भी ओपीडी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार अस्पतालों में रोजाना ओपीडी के साठ से सत्तर फीसदी मामले वायरल फीवर के आ रहे है। कारण पड़ रही शुष्क ठंड से लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। खुश्क ठंड के चलते महिलाओं और बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चे भी सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं।
अस्पतालों में आने वाले रोगियों को अस्पतालों में जांच के बाद आवश्यक दवाएं दी जा रही है तथा साथ ही चिकित्स्कों द्वारा लोगों को सर्दी में एहतियात बरतने की सलाह भी दी जा रही है। मौसमी बुखार के चलते नेरवा, चौपाल व कुपवी के अस्पतालों में बुखार, वायरल और ठंड से पीडि़त मरीजों की संख्या एकाएक काफी ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य खंड नेरवा के असपत्तलों में आने वाले अधिकतर मरीज मरीज खांसी, बुखार व गले में हो रहे इंनफेक्शन से पीडि़त है। रोगियों को बुखार के साथ साथ गले में तीव्र दर्द की शिकायत हो रही है। इस वायरल से छोटी बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। खंड स्वास्थ्य अधिकारी नेरवा डाक्टर प्रेम चौहान ने बताया कि यह बदलते मौसम के साथ होने वाली बीमारियां है, जो मौसम बदलने के साथ अक्सर हर वर्ष होती हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभी तक बारिश न होने की वजह से मौसम काफी शुष्क है तथा सुबह और शाम ठंड बढऩे लगी है। ऐसे में लोग आवश्यक गर्म कपडे पहन कर ही घरों से बाहर निकलें तथा सर्दी से बचाव हेतु एहतियात बरतें। बुखार के लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य की जांच करवाकर आवश्यक उपचार लें।