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Drinking water schemes भी हुई ठप, लोगों में खौफ का आलम

Shantanu Roy
5 July 2024 12:29 PM GMT
Drinking water schemes भी हुई ठप, लोगों में खौफ का आलम
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Bam. बम्म। बिलासपुर जिला के बम्म व मैहरी काथला क्षेत्र में बीती रात भारी बारिश ने तबाही मचा दी। भारी बारिश के कारण जहां मक्की, धान व अन्य फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। भारी बारिश के कारण सीर खड्ड व उसकी सहयोगी नदी नालों बज्रवाली, सौली, कौनी खड़ली, कल्थरी, जबलोठी, चंथ व सुनैहल आदि में बाढ़ के रौद्र रूप धारण करने से खूब तबाही मचाई। जिससे फसलों सहित जनजीवन प्रभावित हो गया। क्षेत्र के लोगों सुरेंद्र कुमार शर्मा, अमर सिंह, सुंदर सिंह, लेख राम, रमेश कुमार, पाल सिंह, राकेश कुमार, हंस राज शर्मा, सतीश कुमार, धर्म चंद शर्मा, विकास शर्मा, ब्रह्म दास, प्रकाश चंद, अमर नाथ शर्मा, जोगिंद्र सिंह, प्रशोत्तम दत्त, अशोक कुमार शर्मा, द्वारका प्रसाद, बली राम, नेक राम, मनसा राम, ज्ञान चंद, कमला देवी, निर्मला देवी, मीरा देवी, लैचो देवी, रवि शर्मा, रतन लाल आदि ने बताया कि रात को भारी बारिश के कारण सीर खड्ड की सहयोगी नदी नालों ने रौद्र रुप धारण कर लिया। जिससे कुलवाड़ी, मैहरी काथला, खसरी, लुहनु, छपरोह व डूगली आदि गांवों में धान, मक्की, अरबी आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
बारिश इतना ज्यादा हुई कि खेत खड्ड में तबदील हो गए।
जून में लगाई गई सभी फसलों का एक हफ्ते बाद भारी बारिश से आए पहले जलजले ने नामोनिशान मिटा दिया। लोगों ने हिमाचल प्रदेश सरकार और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। कुलवाड़ी गांव के सुरेंद्र कुमार शर्मा, पाल सिंह के खेतों, घरों व गौशाला में रात करीब तीन बजे बाढ़ का पानी घुस गया। जिससे बेजुबान जानवरो ने गौशाला में खड़े होकर रात बिताई, वहीं मकान के अंदर पाणी आ जाने से खतरे के साए में जाग कर समय बिताया। सीर खड्ड व कौणी खडली के रौद्र रूप धारण करने से परनाल से पलियां संपर्क तबाह हो गया। इसके अलावा उठाऊ सिंचाई जल योजना परनाल, नियू भी खतरे की जद में आ गई हैं। दूसरी ओर मानसून की पहली बारिश से बजरवाली खड्ड में रात करीब ढाई बजे भयंकर बाढ़ ने खूब तबाही मचाई। सिंचाई जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों जगरनाथ, रोशन लाल, ओम प्रकाश, अरुण कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि ने बताया कि गुरुवार की बीती मध्यरात्रि को भारी बारिश शुरू हो गई, जिससे बजरवाली खड्ड का जलस्तर बढऩे लगा जो इतना बढ़ा कि हमें जान बचाकर बाहर निकलना मुश्किल हो गया। बड़ी मुश्किल से निकले देखते ही देखते जलस्तर इतना बड़ा कि नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया। जिससे मैहरी काथला एक व दो, जोल प्लाखी, सुलहान लद्दा, मटियारा योजनाएं जलमग्न हो कर प्रभावित हो गई। कर्मचारियों ने बताया कि पम्प हाऊस से कीचड़ पानी हटाया जा रहा है और मुरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं। बतातें चलें कि बरसात की पहली बारिश से आई भयंकर बाढ़ से फिलहाल कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन तबाही से लाखों का नुकसान हुआ है।
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