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Parwanoo. परवाणू। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीएसपीसीबी) क्षेत्रीय कार्यालय परवाणू द्वारा एसएनएस फाउंडेशन सेक्टर-2 में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान छात्रों को पटाखों का उपयोग न करने के लिए कहा गया। वहीं, मौजूद सभी को मिट्टी के दीयों का उपयोग करके दिवाली मनाने का आग्रह किया गया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद छात्रों को पारंपरिक पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखों के महत्व बारे भी जानकारी साझा की गई। उधर, प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ अनिल राव नें कार्यक्रम के बारे जानकारी देते हुए बताया कि ग्रीन पटाखों में हानिकारक रसायन नहीं होते हैं और वे वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। वे पर्यावरण के अनुकूल हैं। यानी ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम हानिकारक हैं। अनिल राव नें बताया की ग्रीन पटाखों में बेरियम पदार्थ नहीं होता है, जिसका उपयोग पटाखों में हरा रंग मिलाने के लिए किया जाता है। ग्रीन पटाखे कम से कम 30 प्रतिशत उत्सर्जन को कम करते हैं, क्योंकि पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग ऑक्सीडेंट के रूप में किया जाता है।
एसडीओ अनिल राव ने बताया कि आयोजित जागरूकता शिविर में छात्रों को पटाखों का उपयोग करते समय बरती जाने वाली सुरक्षा सावधानियों के बारे में भी बताया गया, साथ ही पटाखे फोड़ते समय दूरी बनाए रखनें की सलाह भी दी। उन्होंने बताया की भीड़भाड़ वाले इलाकों/बाजार की दुकानों के पास और उन इलाकों में पटाखे फोडऩे से बचें जहां आग लगने का खतरा अधिक रहता है। अनिल राव नें बताया की सभी पर्यावरण के अनुकूल पटाखों का उपयोग करें एवं जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करें। इस अवसर पर पीसीबी एसडीओ अनिल राव नें विभाग द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश सरकार और सोलन उपायुक्त द्वारा पटाखों के उपयोग और नियंत्रण के बारे में जारी निर्देशों को की जानकारी भी सांझा की गई। इसके अलावा पटाखों का उपयोग कम से कम करने का आग्रह भी किया गया, साथ ही पटाखे फोडऩे के लिए निर्धारित समय के बारे में जिला प्रशासन द्वारा जारी सलाह और निर्देशों का पालन करने का भी निवेदन किया गया।
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