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बेसहारा गोवंश को नहीं मिल पा रहा स्थायी आश्रय, जगह-जगह सडक़ों पर भीड़

Shantanu Roy
7 May 2024 11:50 AM GMT
बेसहारा गोवंश को नहीं मिल पा रहा स्थायी आश्रय, जगह-जगह सडक़ों पर भीड़
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बिलासपुर। जिला बिलासपुर में बेसहारा गौवंश का स्थायी आश्रय नहीं मिल पा रहा है। बेसहारा गौवंश सडक़ों पर घूम रहा है। लेकिन इस ओर कोई भी गंभीर नहीं दिख रहा है। एक ओर जहां भाजपा-कांग्रेस वर्तमान में चुनावों में व्यस्त है, वहीं, दूसरी ओर बेसहारा गौवंश सडक़ों पर त्रस्त होकर घुम रहा है। हालांकि चुनाव के समय इस तरह की समस्याओं के समाधान को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन बाद में इस तरह के कई दावे हवा-हवाई ही रह जाते हैं। लेकिन जिला बिलासपुर में लगातार सडक़ों पर घूम रहे बेसहारा गौवंश का आंकड़ा बनता जा रहा है। संबधित विभाग भी एक तरह से मूकदर्शक ही बना हुआ है। जिला बिलासपुर के अंतर्गत शिमला-मटौर नेशनल हाईवे, कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर बेसहारा गौवंश का जमावड़ा देखा जा रहा है। जिला मुख्यालय के अलावा अलीखड्ड पुल, कंदरौर पुल, अवारी, सुन्हाणी, घुमारवीं, झंडूता, बरठीं शायद ही जिला का ऐसा कोई क्षेत्र होगा, जहां पर बेसहारा गौवंश की तादात नहीं हो। लगातार किसानों की फसलों को यह बेसहारा गौवंश नुकसान पहुंचा रहा है। इसके अलावा नेशनल हाईवे और फोरलेन पर कई हादसों का कारण भी बन चुके हैं।

इस तरह के हादसों के बाद भी न ही संबधित विभाग और न ही जिला प्रशासन गंभीर है। हालांकि जिला बिलासपुर में कई गौशालाएं भी संचालित की जा रही हैं। सरकार की ओर से इन गौशालाओं को संचालित करने को लेकर आर्थिक मदद भी की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी सडक़ों पर बेसहारा गौवंश का लगातार बढ़ रहा आकंड़ा अपने-आप में ही हैरान कर रहा है। बता दें कि सडक़ों पर घुम रहे बेसहारा गौवंश के चलते कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसके बावजूद भी इससे कोई सबक नहीं लिया जा रहा है। कई सरकारों की ओर से इन समस्या के स्थायी समाधान के आश्वासन किसानों को दिए गए लेकिन इस समस्या का कोई भी स्थायी समाधान नहीं हो पाया। वहीं, बेसहारा गौवंश का बढ़ता आंकड़ा किसानों के लिए परेशानी बनता जा रहा है। वर्तमान में भी फसल बीजाई से लेकर फसल कटाई तक किसानों को देररात जागकर पहरेदारी भी करनी पड़ती है। जिसके चलते सरकार, प्रशासन को इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि जिला बिलासपुर में करीब साढ़े आठ सौ बेसहारा पशु विभागीय स्तर का आंकड़ा हैं। लेकिन अनुमान लगाया जाए तो असल में यह आंकड़ा इससे कई गुणा होगा। बता दें कि सडक़ों पर घुम रहे बेसहारा गौवंश के चलते कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसके बावजूद भी इससे कोई सबक नहीं लिया जा रहा है। कई सरकारों की ओर से इन समस्या के स्थायी समाधान के आश्वासन किसानों को दिए गए लेकिन इस समस्या का कोई भी स्थायी समाधान नहीं हो पाया। लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए मांग उठाई है।

जल्द ही इस बेसहारा गौवंश को आवश्यकता के अनुसार गौसदन में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा मेल गौवंश को लेकर बधियाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए।
विनोद कुंदी, उप निदेशक पशु पालन विभाग बिलासपुर
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