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शिमला में जिला परिषद कर्मचारियों व जेओए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

Shantanu Roy
20 Sep 2023 9:42 AM GMT
शिमला में जिला परिषद कर्मचारियों व जेओए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
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शिमला। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जहां जिला परिषद कर्मचारियों और जेओए (आईटी) के सभी श्रेणियों के अभ्यर्थियों ने चौड़ा मैदान के पास प्रदर्शन किया, वहीं विधानसभा में कई प्रतिनिधिमंडलों व व्यक्तिगत रूप से आए लोगों ने मुख्यमंत्री व मंत्रियों सहित अपने चहेते नेताओं से भेंट करके अपना दुखड़ा सुनाया है। अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर प्रदेश के कोने-कोने से लोग आए हैं, वहीं कर्मचारियों को भी अपनी मांगों को मनवाने को लेकर भी विधानसभा सत्र प्रशस्त मार्ग लगता है। यही कारण है कि एक जगह पर एकत्रित होने वाले मुख्यमंत्री व मंत्रियों सहित अन्य नेताओं के मिलने के कारण लोग भी दूरदराज से यहां पर अपने कामों व समस्याओं को लेकर आते हैं। पिछले करीब एक वर्ष से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे प्रदेश के जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों ने मंगलवार को अपना आंदोलन किया और चौड़ा मैदान में सुबह 11 से लेकर 1 बजे तक प्रदर्शन किया। देर शाम मुख्यमंत्री से भी उनकी मुलाकात हुई है, जहां पर उन्होंने सरकार को अब 10 दिन का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 30 सितम्बर से वे काम छोड़ो आंदोलन को अपनाएंगे। आंदोलन के दौरान उन्होंने गीत-संगीत के माध्यम से भी सरकार को जगाने का प्रयास किया और सुक्खू मामा जी वादा कोरी दे पूरा, ओपीएस बहाल कोरी दित्ती, हमारी भी मांगें कर दे पूरी गीत पर खूब जोश दिखाया और मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग उठाई।
जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सरकार अपना वायदा भूल गई है। पूर्व सरकार ने उन्हें न ही नया वेतनमान, डीए व एरियर दिया और न ही कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में जिला परिषद कर्मचारियों को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज कर पाई है। चौड़ा मैदान में अपनी मांगों को लेकर और सभी प्रकार के जेओए (आईटी) अभ्यर्थी भी अब भूख हड़ताल पर चले जाएंगे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा परिणाम विजिलैंस जांच के बहाने अभूतपूर्व रूप से 9 माह से रोक रखे हैं, जिससे अभ्यर्थियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। जेओए (आईटी) के विभिन्न पोस्ड कोड के अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया गया था, तब सरकार ने लंबित परिणामों को 30 दिनों के भीतर जारी करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज भी टालमटोल ही किया जा रहा है। पिछले कुछ माह में विजिलैंस जांच में भी कोई प्रगति नहीं हुई है और पेपर लीक के सिलसिले में शुरू में हिरासत में लिए गए सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि असली सजा तो निर्दोष अभ्यर्थियों को दी जा रही है। इसलिए वे सरकार से पुरजोर ढंग से मांग करते हैं कि जेओए (आईटी) के सभी श्रेणियों के परीक्षा परिणाम तत्काल घोषित किए जाएं। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) की पूर्णतया नियुक्तियां बैचवाइज करवाने को लेकर भी बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल विधानसभा में पहुंचा है। संगठन अध्यक्ष पुष्पा ठाकुर ने कहा कि पैरा मेडिकल एवं अन्य सभी विभागों में रिक्त पदों की नियुक्तियां राज्य सरकार बैचवाइज करती है, लेकिन बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस सुविधा से अब तक वंचित रखा गया है। इसलिए वे राज्य सरकार से निवेदन करती हैं कि बेरोजगार फीमेल हैल्थ वर्कर्ज को भी बैचवाइज सुविधा में शामिल कर उन्हें उनका हक दिलाने की अनुकंपा करें।
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