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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां खतरनाक मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस भी तेजी से अपने पैर फैलाता नजर आ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कोरोना वायरस की महामारी भी चिंता का सबब बनी हुई है. दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामलों में कमी आती है लेकिन पॉजिटिविटी रेट में इजाफे ने शासन-प्रशासन के माथे पर बल ला दिया है.
दिल्ली में कोरोना की तेज रफ्तार देखकर ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या ये इस महामारी की नई लहर है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिन पहले जारी किए गए कोरोना के आंकड़ों ने इस चर्चा को और हवा दे दी है. दिल्ली सरकार की ओर से 1 अगस्त की शाम को कोरोना वायरस को लेकर जारी किए बुलेटिन के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 822 नए मामले सामने आए.
चिंता कोरोना के नए मामलों को लेकर नहीं, पॉजिटिविटी रेट को है. कोरोना वायरस से संक्रमण के 822 मामले तब सामने आए हैं, जब इस महामारी को लेकर आठ हजार से भी कम टेस्ट हुए. कोरोना बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली में 7205 सैपल्स टेस्ट किए गए जिनमें 822 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. चिंता की बात कोरोना के एक हजार से भी कम संक्रमण के मामले नहीं, बल्कि पॉजिटिविटी रेट है.
दिल्ली सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 11.41 फीसदी तक पहुंच गया है. ये पिछले छह महीने में सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट है. बताया जाता है कि पॉजिटिविटी रेट की ये दर पिछले छह महीने में सबसे अधिक है. पॉजिटिविटी रेट दिल्ली में पिछले छह महीने के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
कोरोना वायरस के नए मामलों में भले ही कमी आई है, लेकिन दूसरा पहलू ये है कि राष्ट्रीय राजधानी में पॉजिटिविटी रेट तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली में 28 जुलाई से 1 अगस्त के बीच ही, यानी पांच दिन में ही कोरोना का पॉजिटिविटी रेट लगभग दोगुना हो गया है. 28 जुलाई को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 6.56 फीसदी था जो 1 अगस्त को 11.41 फीसदी पहुंच गया. दिल्ली में कोरोना वायरस के पॉजिटिविटी रेट ने चिंता बढ़ा दी है.
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