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UP कैबिनेट में फैसला: अक्तूबर के बाद होगा सबसे लंबे गंगा-एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास, ललितपुर में बनेगा हवाई अड्डा

Kunti Dhruw
2 Sep 2021 4:07 PM GMT
UP कैबिनेट में फैसला: अक्तूबर के बाद होगा सबसे लंबे गंगा-एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास, ललितपुर में बनेगा हवाई अड्डा
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प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 594 किमी. लंबे मेरठ से प्रयागराज तक छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण की तैयारी तेज कर दी है।

प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 594 किमी. लंबे मेरठ से प्रयागराज तक छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण की तैयारी तेज कर दी है। प्रदेश कैबिनेट ने विकासकर्ताओं के चयन के लिए अंतिम तौर पर ग्रुप वार रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफ क्यू) व रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफ पी) अभिलेखों को अनुमोदित कर दिया है। यह एक्सप्रेस-वे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-आपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफ ओटी) के आधार पर चार ग्रुप में बनेगा। बिडिंग कार्यवाही पूरी होते ही अक्तूबर बाद कभी भी इसका शिलान्यास किया जा सकेगा।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि किसी राज्य सरकार के स्तर पर बनने वाला देश का यह सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। कैबिनेट ने एक्सप्रेस-वे की लागत के साथ तकनीकी व स्ट्रक्चरल कार्य के साथ बिड डाक्यूमेंट, कंशस्नेयर एग्रीमेंट सहित सभी महत्वपूर्ण प्रस्तावों को एक साथ मंजूरी दी है। परियोजना के लिए बिडिंग प्रक्रिया 60 दिन में पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश को 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर बिना आवश्यक औपचारिता पूरी किए जल्दबाजी में शिलान्यास का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 92.02 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसके बाद आरएफक्यू व आरएफपी डाक्युमेंट को मंजूरी दी गई है।

120 किमी. की रफ्तार से फर्राटा भरेंगे वाहन, शाहजहांपुर के पास हवाईपट्टी बनेगी
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण 6 लेन में होगा। इसका 8 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे पर 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन फर्राटा भर सकेंगे। 594 किमी. लंबा एक्सप्रेस-वे चार ग्रुप में तैयार होगा। प्रत्येक ग्रुप में 3 पैकेज होंगे। 9 स्थानों पर जन सुविधा परिसर, मेरठ व प्रयागराज में दो मुख्य टोल प्लाजा व 15 रैंप टोल प्लाजा बनेंगे। गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर, रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लंबाई के दो बड़े पुल बनेंगे। शाहजहांपुर के पास हवाई पट्टी प्रस्तावित है।

36,230 करोड़ में तैयार होगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सिविल निर्माण पर करीब 22,125 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भूमि अधिग्रहण व खरीद में 9,255 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए चार समूह में काम होंगे। सभी के लिए अलग-अलग आरएफ क्यू-कम-आरएफ पी जारी कर उनके सापेक्ष कन्शेसनायर्स का चयन किया जाएगा। हर पैकेज के लिए 5000-5800 करोड़ तक 30 वर्ष के लिए एग्रीमेंट होगा।

20 हजार को मिलेगा रोजगार, औद्योगिक कलस्टर चिह्नित करने के फरमान
मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक कलस्टर चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। इससे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना को बल मिलेगा। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निकट इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना भी हो सकेगी। परियोजना निर्माण व क्रियान्वयन तथा उसके आसपास शिक्षण संस्थाओं, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 20,000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

12 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे, पर्यटन-उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज, कुल 12 जिले जुड़ेंगे। इससे प्रदेश की राजधानी तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी तक तेज गति की सुगम यात्रा सुलभ होगी। इससे ईंधन की बचत के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। परियोजना से जुड़े क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
ललितपुर में बनेगा हवाई अड्डा, हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा
प्रदेश सरकार की ओर से ललितपुर में हवाई अड्डे का निर्माण कराया जाएगा। योगी कैबिनेट की बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में ललितपुर हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बताया कि ललितपुर में एक बड़े एयरपोर्ट के निर्माण को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ललितपुर में बन रहे बल्क ड्रग पार्क और बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरीडोर के निर्माण को देखते हुए इस नए एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी दी गई है। पहले चरण में यहाँ छोटे एयरक्राफ्ट उतारे जाएंगे। भविष्य में इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में भी स्थापित किया जाएगा। इसमें कुल 86.65 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। जिस स्थान पर यह एयरपोर्ट बनाया जाना है उस गांव की कुल जमीन 91.773 हैक्टेयर है जिसको खरीदने की लागत 7786 करोड़ रुपये आएगी। इसके निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय से भी 12.79 हैक्टेयर जमीन एक्सचेंज में ली जा रही है। बाद में ग्राम समाज की जमीन से रक्षा मंत्रालय को जमीन दे दी जाएगी।

भूमि पर स्थित सरकारी परिसंपत्तियों के लिए कुल 86,65,06,748 की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त ग्राम समाज और विभिन्न सरकारी विभागों की जमीन को निशुल्क नागरिक उड्डयन विभाग को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि निजी भूमि की खरीद में निहित स्टांप शुल्क एवं निबंधन शुल्क की के लिए 76,75,880 रुपये के भुगतान के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने बताया कि ललितपुर में प्रदेश सरकार की ओर से बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए प्रयास किया जा रहा है। बुंदेलखंड क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण भी हो रहा है। ललितपुर में हवाई अड्डे बनने से बुंदेलखंड का आर्थिक विकास होगा और रोजगार सृजन होगा। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश राज्य व अन्य सीमावर्ती राज्यों के लोगों को भी हवाई सुविधा का लाभ होगा।

अब प्रदेश के हर जिले में होगा एक मेडिकल कॉलेज
अब प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज होगा। इसके लिए प्रदेश कैबिनेट ने 16 जिलों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी है। जबकि 59 जिलों में पहले से ही मेडिकल कॉलेज खुले हुए हैं। इसी तरह बिजनौर के जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के रूप में तब्दील किया जाएगा।

प्रदेश सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर लगातार प्रयासरत रही। दिसंबर 2020 में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद प्रदेश में कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 59 हो गई। फरवरी 2021 में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे बृहस्पतिवार को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में अब प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती जिले में खुलेंगे।

बिजनौर जिला अस्पताल बनेगा मेडिकल कॉलेज
कैबिनेट ने केंद्र सहायतित योजना (फेज 3) के तहत बिजनौर जिला अस्पताल को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत जिला अस्पताल के पुराने भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। इसी तरह केंद्र सहायतित योजना में निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोंडा के लिए संबंधित जिला चिकित्सालय परिसर में निर्मित पुराने भवनों केध्वस्तीकरण का प्रस्ताव भी पारित हो गया है।

राज्य विश्वविद्यालयों में कुल सचिव के 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में केंद्रीयत सेवा के तहत कुलसचिव के 50 प्रतिशत पद उप कुलसचिव की पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे। इसी प्रकार उप कुल सचिव के 50 प्रतिशत पद कार्यालय अधीक्षक एवं कार्यालय अधीक्षक (लेखा) की पदोन्नति से भरे जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (केंद्रीयत) सेवा नियमावली 1975 में संशोधन को मंजूरी दी गई।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में वर्तमान में कुलसचिव, उप कुलसचिव एवं सहायक कुलसचिव के 140 पदों में से 75 पद भरे हैं और 65 पद रिक्त हैं। कुलसचिव के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान करने के बाद सहायक कुल सचिव पद पर कार्यरत अधिकारियों को पदोन्नति के दो अवसर प्राप्त होंगे। इससे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अनुभव का पूर्ण उपयोग कुलसचिव के शीर्ष पद पर तैनाती के दौरान विश्वविद्यालय को मिलेगा। इससे संबद्धता के प्रकरणों के निस्तारण, समय से छात्रों के प्रवेश तथा परीक्षा संपन्न कराकर परिणाम समय पर घोषित करने, अंक पत्रों तथा प्रमाण पत्रों का शीघ्रतापूर्वक जारी करने सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी।
अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त जमीन ली जाएगी
अयोध्या में श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण के लिए आवश्यक अतिरिक्त भूमि ली जाएगी। योगी कैबिनेट की बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में एयरपोर्ट के लिए अवध विश्वविद्यालय अयोध्या की 3.9 हेक्टेयर भूमि निशुल्क नागरिक उड्डयन विभाग को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई। साथ ही निजी काश्तकार की एक हेक्टेयर भूमि खरीदने की भी मंजूरी दी गई।

जानकारी के मुताबिक अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मास्टर प्लान में अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता जताई है। मास्टर प्लान के अनुसार हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित स्थल के पास स्थित अवध विवि की 3.9 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित की जाएगी। निजी काश्तकार की एक हेक्टेयर भूमि खरीदी जाएगी।
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