शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य भर में सडक़ दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है, जिससे प्रदेश में सडक़ हादसों में मृत्यु दर में 19 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हिमाचल पुलिस यातायात प्रवर्तन के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण यानी इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, ब्रेथ एनालाइजर, लेजर स्पीड गन व फारजी बॉडी वॉर्न कैमरा आदि का उपयोग कर रही है। प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर विभिन्न स्थानों पर कुल 46 इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किए है। नवनिर्मित कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर दस आईटीएमएस सहित राज्य में 18 नए आईटीएमएस स्थापित किए जा रहे है। इन आईटीएमएस साइटों के 31 दिसंबर तक चालू होने की उम्मीद है। राज्य में आईटीएमएस, पीओएस मशीनों और एंड्रॉइड फोन के माध्यम से कुल 6,99,618 ई-चालान जारी किए है और 30 अक्तूबर तक 27,40,02,605 रुपए का जुर्माना वसूल किया है।
डीआइजी टीटीआर गुरदेव चंद शर्मा ने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले यातायात उल्लंघनों पर जांच सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए ट्रैफिक चालान, कंपाउंड और जुर्माने के तहत प्रदर्शन की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम के तहत कुल 47.79 करोड़ प्रथम चरण के पूरा होने के बाद जिला मंडी और कांगड़ा को भी कवर किया जाएगा। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में पहली जनवरी से पहली दिसंबर की अवधि के दौरान सडक़ यातायात दुर्घटनाओं (आरटीए) में 13 प्रतिशत की कमी, मृत्यु दर में 19 प्रतिशत की कमी और चोटों में 15 प्रतिशत की कमी आई है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि वर्ष 2023 में यातायात दुर्घटनाओं की संख्या में कमी इस बात का प्रतीक है कि हिमाचल प्रदेश में वाहन चालक जागरूक हो रहे है तथा राजमार्ग और जिला सडक़ों सहित राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधार किए है। डीजीपी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस दुनिया भर में अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर यातायात दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।