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9 बच्चों की मौत: गांव में बुखार का कहर जारी, 11 दिनों के अंदर गई जान

Nilmani Pal
13 Sep 2021 3:01 PM GMT
9 बच्चों की मौत: गांव में बुखार का कहर जारी, 11 दिनों के अंदर गई जान
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स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप

हरियाणा (Haryana) के पलवल जिला स्थित चिल्ली गांव (Chilli Village) में बुखार से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी बुखार से पीड़ित एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की जांच में यह सामने आया है कि गांव में गंदे पानी की निकासी न होने के कारण और दूषित पेयजल सप्लाई से गांव में बुखार का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमें गांव में सैंपल लेने के साथ-साथ दवाइयों का छिड़काव भी कर रही हैं.

जानकारी के मुताबिक, चिल्ली गांव में बुखार इस कदर कहर बरपा रहा कि स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी हो रही मौतों पर रोक नहीं लग पा रही है. सोमवार को भी बुखार से पीड़ित एक बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. यहां पर 11 दिनों में 9 बच्चों की मौत बुखार से हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग केवल छह बच्चों की मौत की बात कबूल रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमें लगातार गांव में सैंपलिंग का काम कर रही हैं. मलेरिया विभाग द्वारा गांव में दवाइयों का छिड़काव करने का काम किया जा रहा है. साथ ही बच्चों और बड़ों के ब्लड सैंपल इकट्ठे किए जा रहे हैं. सोमवार को इलाके के एसडीएम लक्ष्मीनारायण और सीएमओ ब्रह्मदीप गांव में निरीक्षण करने के लिए पहुंचे.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की जांच में हो रही मौतों को लेकर खुलासा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की जांच के मुताबिक, बुखार से होने वाली मौतों का मुख्य कारण गांव में गंदे पानी की निकासी नहीं होना है. साथ ही लोगों के घरों में सप्लाई होने वाले गंदा पानी भी है. इसके चलते लोगों की रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो रही है. घरों के बाहर नालियों से गंदे पानी की निकासी नहीं हो रही है, जिसके चलते मच्छर पनप रहे हैं. वहीं, लगों ने घरों के अंदर जो पानी स्टोर किया हुआ है उसमें भी मच्छर पनप रहे हैं. ये मच्छर ही बुखार का सबसे बड़ा कारण बन रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, गांव में साफ- सफाई न होना और गंदे पानी की निकासी न होने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. गांव में साफ- सफाई की जिम्मेदारी पंचायत और पंचायत विभाग के पास होती है, लेकिन इनमें से कोई भी काम सही तरह से नहीं हो पा रहा है.

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