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ओडिशा में आंबेडकर जयंती मना रहे दलितों पर जानलेवा हमला हुआ है। हिंसा की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंबेडकरवादियों पर किस तरह की बर्बरता ढहाई गई है। इस हमले का आरोप लगा है बजरंग दल के गुंडों पर।
14 अप्रैल को जिस दिन पूरी दुनिया बाबा साहब डॉ आंबेडकर की जयंती मना रही थी, भगवाधारी ओड़िशा के बरगढ़ ज़िले में आंबेडकरवादियों पर हमला कर रहे थे। ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फ़ोर जस्टिस, ओड़िशा की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ आंबेडकर जयंती के दिन दोपहर क़रीब 3 बजे आंबेडकरवादी युवाओं की बाइक रैली पर बजरंग दल के गुंडों ने हमला किया। आंबेडकरवादियों ने अट्टाबिरा से गोड़ेगा तक बाइक रैली का आयोजन किया था लेकिन इसी बीच बजरंग दल के गुंडों ने उनपर हमला कर दिया।
संजय कुमार नाम के एक पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने एक दिन पहले कहा था कि आंबेडकरवादियों की बाइक रैली पहले और बाद में बजरंग दल वाले रैली निकालेंगे लेकिन रैली के दौरान ही बजरंग दल वालों ने नीले झंडे लगी गाड़ियों पर हमला बोल दिया। तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कैसे चुन-चुन कर लोगों को निशाना बनाया गया और बाइक्स को तोड़ा गया।प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ क़रीब 25 गाड़ियों को तोड़ा गया, बैनर फाड़ कर उनपर पेशाब किया गया, चाकू, कांच की बोतल और लाठी-डंडों से हमला किया गाय जिसमें 4 लोग घायल हुए हैं।
AILAJ ने ओडिशा पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में ही ये सारी गुंडागर्दी की गई लेकिन पुलिस भगवाधारी गुंडों को रोकने में नाकाम रही। तस्वीरों में पुलिस को देखा जा सकता है लेकिन पुलिस के सामने ही भगवाधारी तलवारें लहराते हुए बेखौफ घूमते नज़र आते हैं।
पीड़ितों के मुताबिक़ हमले के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाकर समझौता कराया लेकिन उसके बाद भी बजरंग दल वालों ने कुछ दलित लोगों के घर में घुसकर मारपीट की। पीड़ितों की तरफ़ से हमें कुछ एक्स-रे रिपोर्ट और तस्वीरें भेजी गई हैं जिनमें फ़्रैक्चर और चोट देखी जा सकती हैं।
हैरानी की बात ये है कि इतने बड़े हमले के बाद भी बरगढ़ पुलिस ने आरोपियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है। द न्यूज़बीक की टीम ने बरगढ़ के एसपी और डिप्टी एसपी को कई बार कॉल किया लेकिन किसी का नंबर स्वीच ऑफ मिला तो किसी ने कॉल रिसीव ही नहीं किया।
ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार के राज में दलितों पर हुए जानलेवा हमले के बाद भी कोई कार्रवाई ना होने पर लोग आरोप लगा रहे हैं कि भगवाधारी गुंडों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है इसलिए उन्हें क़ानून का कोई डर नहीं। सवाल है कि आखिर कब तक दलितों के खिलाफ नफरत का ये घिनौना खेल चलता रहेगा ?
Gulabi Jagat
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