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Cyber ​​Crime से निपटने के लिए साइबर कमांडो तैयार

Shantanu Roy
12 Oct 2024 11:27 AM GMT
Cyber ​​Crime से निपटने के लिए साइबर कमांडो तैयार
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Shimla. शिमला। प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने को साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ रहे मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों के भी होश उड़ा रखे हैं। पढ़े-लिखे और यहां तक की सेवानिवृत्त अधिकारी भी साइबर अपराधियों के चंगुल में आकर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा रहे हैं। ऐसे शातिर ठगों से निपटने में पुलिस की ओर से भरसक प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन बहुत हद तक कामयाबी नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ही साइबर अपराधियों से निपटने के लिए साइबर कमांडोज ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। इनमें साइबर अपराध से जुड़ी बारिकियों के साथ इससे निपटने के विभिन्न तरीकों की तकनीकी जानकारी
दी जा रही है।


हिमाचल प्रदेश के नौ पुलिस जवानों का साइबर कमांडो के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए चुना गया है। चुने गए पुलिस कर्मियों में दो महिला पुलिस कर्मी भी हैं। इन नौ जवानों में एक हेडकांस्टेबल और अन्य कांस्टेबल हैं। इनमें हैडकांस्टेबल आशीष कुमार, कांस्टेबल आकाश ठाकुर, मधु शर्मा, मनू शर्मा, प्रवीण शर्मा, राम शर्मा, रोहित गुलेरिया, शशांक तनवर और सुभम चौहान शामिल हैं। इन्हें इनकी विशेषज्ञता के आधार पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा चुना गया है। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग छह माह तक दी जाएगी। ये ट्रेनिंग आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी गांधीनगर और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में हो रही है। प्रदेश के चयनित पुलिस जवान प्रशिक्षण केंद्रों के लिए
प्रस्थान कर गए हैं।


साइबर क्राइम के डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि साइबर कमांडो ट्रेनिंग गृह मंत्रालय की एक पहल के तहत दी जा रही है और इसमें हिमाचल पुलिस के नामांकित जवानों की संख्या नौ है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग का मकसद हमारे पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सिस्टम फोरेंसिक, साइबर अपराध का पता लगाने और रोकथाम तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है। उन्होंने कहा कि साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए संवेदनशील डेटा की सुरक्षा व आनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है। हिमाचल से गई नौ सदस्यीय टीम प्रशिक्षण पूरा कर साइबर खतरों से निपटने के लिए नवीनतम कौशल और विशेषज्ञता से लैस होगी और अत्यधिक कुशल साइबर योद्धाओं के रूप में उभरेगी। डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि छह माह के साइबर कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम में खतरे की खुफिया जानकारी, घटना प्रतिक्रिया और हैकिंग तकनीकों सहित कई विषयों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों ने असाधारण समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया, और अत्यधिक कुशल साइबर योद्धाओं के रूप में उभरे।
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