![शीतला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब शीतला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/04/04/3645690-untitled-4-copy.webp)
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परवाणू। परवाणू में होने वाला प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर का दूसरे मंगलवार को बासडे का बड़ा मेला सजा हुआ नजऱ आया, जहां हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु दूरदराज के क्षेत्रों व दूसरे राज्यों से भी परवाणू पहुंचे और माता शीतला मंदिर के दर्शन कर दूसरे मंगलवार को लगने वाले बड़े मेले का आनंद लिया । दूसरे मंगलवार को लगने वाला मेला इसलिए भी बड़ा माना जाता है की जो लोग पहले मंगलवार को शीतला माता के दर्शन करने नहीं पहुंच पाए वह दूसरे मंगलवार को पहुंचते हैं द्य दूसरे मंगलवार को लगने वाले बासडे के मेले में हज़ारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला के मंदिर में शीश नवा कर पूजा अर्चना की और प्रशाद चढ़ाया । इस दौरान सवेरे 4 बजे से पहले से ही दर्शनों के लिए लंबी लाईने लग गयी थी । इस मंदिर की बहुत मान्यता है और स्थानीय जनता के इलावा साथ लगते राज्य से भी भक्त यहां माथा टेकने आते है और सवेरे पांच बजे से ही मेले के लिए बाजार सज जाता है।
सुबह ही मेले में रौनक लगना शुरू हो जाती है, जैसे जैसे दिन निकलता है मंदिर में लगने वाली लाइने और लंबी होती जाती हैं। ये त्यौहार होली के बाद आने वाले पहले मंगलवार से तीन मंगलवार तक चलता है जिसमे लोग व्रत रखते है । बता दें शीतला माता को चेचक रोग एवं त्वचा से जुड़े रोगों को ठीक करने की देवी भी कहते हैं , शीतला माता के पर्व को हिंदू समाज में बास्योड़ा नाम से जाना जाता है, इस पर्व के एक दिन पहले शीतला माता के भोग को तैयार किया जाता है और दूसरे दिन बासी भोग को माता शीतला को चढ़ाया जाता है, माना जाता है कि शीतला देवी की पूजा अर्चना से चेचक रोग नहीं होता, छोटे बच्चों को चेचक से बचाने के लिए विशेषकर शीतला देवी की पूजा की जाती है, शीतला माता मंदिर के मेले को जिला स्तरीय मेला घोषित करने के लिये समय समय पर कई समाजसेवी संस्थाओं द्वारा मांग की गई परंतु अभी तक इस मेले को जिला स्तरीय मेले का दर्जा नहीं मिल पाया है।
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