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Shimla. शिमला। हिमाचल हाई कोर्ट से मुख्य संसदीय सचिवों को पद से हटाने और कानून को निरस्त करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। राज्य सरकार हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली गई है। सुप्रीम कोर्ट में नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बेंच में यह मामला लिस्ट हुआ है। सरकार की ओर से दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। एक याचिका हिमाचल सरकार बनाम कल्पना देवी है और दूसरी याचिका मुख्य संसदीय सचिव रहे विधायकों की ओर से की गई है, जो भाजपा विधायकों सतपाल सिंह सत्ती और अन्य के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट में इस तरह के मामले शुक्रवार को ही लिए जाते हैं, इसलिए पहले ही यह केस भी टेंपरेरी लिस्ट में आ गया था। अब मुख्य संसदीय सचिवों का भविष्य क्या है? यह सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तय करेगी? अपने फैसले में हाई कोर्ट ने इन्हें ऑफिस और प्रॉफिट के 1971 के कानून से मिली प्रोटेक्शन को भी हटा दिया है। इसलिए हिमाचल सरकार मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के 2006 के कानून और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से प्रोटेक्शन के 1971 के कानून को बचाने के लिए भी अदालत के सामने निवेदन करेगी। इसी मामले में विपक्षी दल भाजपा की ओर से पहले ही कैविएट दायर किया जा चुका था, इसलिए ये भी सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील रखेंगे। भाजपा सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार कर रही थी, क्योंकि हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी अभी भी गवर्नर के पास याचिका में नहीं गई है।
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