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शिमला। वन विभाग के पीसीसीएफ राजीव कुमार ने वन मृदा में ऑर्गेनिक कार्बन के घटते स्तर पर चिंता जताई है। उन्होंने वन मृदा की गुणवत्ता बताने को एचएफआरआई के प्रयासों की सराहना की और मिट्टी विश्लेषण आधार पर उचित प्रजातियों के पौधरोपण के सुझाव प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। पीसीसीएफ राजीव कुमार मंगलवार को हाइब्रिड मोड वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड विषय पर आयोजित परामर्श बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बैठक में सामने आए सुझावों को मानने का आह्वान किया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक (प्रभारी) डा. संदीप शर्मा ने एचएफआरआई ने वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने के बारे में चर्चा की और वन पारिस्थितिक तंत्र में मृदा के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजेंद्र पाल पंवार परियोजना की अवधारणा, इसके उद्देश्यों और परिणामों के बारे में बताया। वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करना वानिकी क्षेत्र में पहली पहल है और आईसीएफआरई के विभिन्न संस्थान भारत के 788 वन मंडलों के लिए वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने का कार्य कर रहा है। तदोपरांत, परियोजना के अन्वेषक व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरके वर्मा ने हिमाचल प्रदेश के वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने विभिन्न वनमंडलों के मृदा के परीक्षण अलग अलग मापदंडों, परीक्षण मानकों पर जानकारी प्रदान की। डा. वर्मा ने प्रतिभागियों के साथ वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रोटोटाइप भी साझा किया। प्रस्तुति के बाद वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड की विषय वस्तु पर चर्चा की गई।
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