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50 करोड़ का Cluster Development प्रोजेक्ट फंसा

Shantanu Roy
7 Aug 2024 10:06 AM GMT
50 करोड़ का Cluster Development प्रोजेक्ट फंसा
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Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिला क्लस्टर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है। केंद्र सरकार ने एक साल पहले यह प्रोजेक्ट हिमाचल को दिया था लेकिन 50 करोड़ रुपए की इस परियोजना पर काम करने को कोई तैयार नहीं। आलम यह है कि यह प्रोजेक्ट लैप्स हो सकता है, जिसके बाद हिमाचल को पैसा नहीं मिलेगा। सूत्रों के अनुसार अब सरकार यह परियोजना किन्नौर जिला में चलाना चाहती है। क्योंकि बागबानी विभाग को यह प्रोजेक्ट मिला है और बागबानी मंत्री भी किन्नौर से हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि किन्नौर में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए और इसका काम अब एचपीएमसी को सौंपा जा सकता है। बता दें कि चार बार टेंडर करने के बाद भी इस प्रोजेक्ट के लिए कोई कंपनी नहीं मिली है। ऐसे में सरकारी एजेंसी को यह काम सौंपा जाए, इसलिए एचपीएमसी से इस पर बात की जा रही है। हालांकि अभी तक एचपीएमसी भी इसमें हाथ डालने को तैयार नहीं, मगर सरकार चाहती है कि जो पैसा इसमें केंद्र सरकार से मिलना है,
उसका इस्तेमाल किया जाए।

क्लस्टर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत बागबानों को फसल विविधीकरण को लेकर जानकारी देनी है। उनकी फसल की मार्केटिंग का पूरा प्रबंध करना है। उनको कोल्ड स्टोर की सुविधा प्रदान करनी है और मंडियों का भी प्रबंध करना है। इसके लिए 50 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार की ओर से मिली है। यह प्रोजेक्ट प्रदेश में कहीं पर भी चलाया जा सकता है, परंतु सरकार इसके लिए किन्नौर का चयन कर रही है। किन्नौर में सेब के अलावा कई सब्जियों का भी उत्पादन होता है और उन सभी के लिए मंडियों में पर्याप्त व्यवस्था करना, बागबानों को उनके उत्पाद को लेकर जागरूक करने समेत कई तरह के काम इस क्लस्टर आधारित परियोजना में किए जाने हैं। इससे बागबानों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य में पहले ही वल्र्ड बैंक की सहायता से बागबानी विकास परियोजना चल रही है, जिसमें करोड़ों रुपए की राशि खर्च हो रही है। इसके तहत काफी ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर यहां पर डिवेलप किया जा चुका है, जिससे अलग क्लस्टर आधारित परियोजना प्रदेश को मिली है, परंतु इस पर काम नहीं हो सका। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में विभागीय मंत्री से जब चर्चा हुई, तो अधिकारियों को इस पर फटकार भी लगी है। उनको कहा गया है कि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाएं, पैसा लैप्स नहीं होना चाहिए।
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