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चूड़धार मंदिर के कपाट चार महीने बंद, यात्रा पर लगा प्रतिबंध

Shantanu Roy
9 Dec 2023 11:48 AM GMT
चूड़धार मंदिर के कपाट चार महीने बंद, यात्रा पर लगा प्रतिबंध
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नेरवा। ऊपरी हिमाचल में बाबा भोले की नगरी और देवता शिरगुल महाराज की तपोस्थली कही जाने वाली चूड़धार चोटी की यात्रा पर पहली दिसंबर से शिरगुल मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लग गया है। चूड़धार में विराजमान देवता शिरगुल जिला शिमला सहित सिरमौर तथा उत्तराखंड के जौनसार बाबर क्षेत्र के हजारों लोगों के आराध्य देव हैं। अप्रैल से दिसंबर महीने तक इन क्षेत्रों के सैकड़ों लोग रोजाना अपने आराध्य देवता के दर्शनों हेतु पहुंचते हैं। मई से सितंबर तक तो रोजाना चूड़धार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की तादाद चार से पांच हजार तक रहती है । दिसंबर माह में बर्फबारी के बाद मंदिर कमेटी प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष उपमंडलाधिकारी (नागरिक) चौपाल नारायण चौहान ने चूड़धार यात्रा पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना जारी कर कहा है कि दिसंबर महीने में चूड़धार में अत्यधिक बर्फबारी के चलते जहां पारा माइनस से नीचे रहता है।

वहीं चूड़धार के रास्तों पर यात्रा में अत्यधिक जोखिम रहता है। सर्दियों में चूड़धार में दस से बीस फुट तक बर्फ रहती है। इस दौरान वहां पर खाने-पीने व रहने की भी कोई व्यवस्था नहीं रहती। लिहाजा इस दौरान चूड़धार की यात्रा किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है। पूर्व में कई बार कुछ श्रद्धालु अथवा ट्रैकर सर्दियों में चूड़धार की यात्रा कर न केवल अपने आप को मुसीबत में डाल चुके हैं, अपितु प्रशासन के लिए भी परेशानी का सबब बन चुके हैं। मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष एसडीएम चौपाल नारायण चौहान ने समस्त लोगों से आग्रह किया है कि अप्रैल महीने में बैसाखी वाले दिन कपाट खुलने तक चूड़धार की यात्रा से परहेज रखें। उन्होंने एसडीपीओ चौपाल व एसडीएम कुपवी को भी इस दौरान कड़ी नजर रखने का आग्रह किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि यात्रा प्रतिबंध के दौरान कोई चोरी छिपे चूड़धार की यात्रा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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