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Shimla. शिमला। पहली अप्रैल, 2025 से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में हिमाचल बजट का एनुअल प्लान कितना होगा? इसका पता सोमवार यानी तीन फरवरी को चल जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक प्राथमिकता बैठकों की शुरुआत कर रहे हैं और पहले दिन सोमवार को कांगड़ा, हमीरपुर और कुल्लू जिलों के विधायकों को बुलाया गया है। राज्य सचिवालय में विधायक प्राथमिकता बैठक लगातार दो दिन चलेगी, जिसमें सभी 12 जिलों को कवर किया जाएगा। इन बैठकों में सभी चुने हुए विधायक नई और पुरानी स्कीमों में अपनी प्राथमिकताएं देते हैं। राज्य सरकार का अगला बजट कितना रहेगा, यह वार्षिक योजना के आकार से पता चल जाएगा।
वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य का एनुअल प्लान 9980 करोड़ है और इसके बाद वार्षिक बजट 58,444 करोड़ रुपए का था। बजट का आकार तय करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए वार्षिक योजना के आकार पर बहुत कुछ निर्भर है। हालांकि भारत सरकार प्लानिंग कमीशन और एनुअल प्लान जैसे सेटअप से बाहर निकल गई है और अब वहां नीति आयोग सिर्फ रिकमेंडेशन करता है, लेकिन पूंजीगत व्यय के लिए तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार अब भी एनुअल प्लान के फॉर्मेट में ही बजट बना रही है। अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा अनुदान में होने जा रही 50 फीसदी से ज्यादा की कटौती को देखते हुए पूंजीगत व्यय को जारी रखना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। नाबार्ड से विधायक प्राथमिकताओं के लिए होने वाली फंडिंग को लेकर भी स्थिति इस बैठक से सामने आएगी। विधायक प्राथमिकता बैठकों में सामान्य तौर पर एक आम शिकायत यह आती है कि डीपीआर बनाने में विभाग बहुत टाइम लगा रहे हैं।
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Shantanu Roy
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