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स्मार्ट सिटी का काम जांचा

Shantanu Roy
27 April 2024 11:05 AM GMT
स्मार्ट सिटी का काम जांचा
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शिमला। शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कितना फीसदी काम हुआ, इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए खुद शहरी विकास विभाग के निदेशक गोपाल चंद शहर के औचक निरीक्षण पर निकले। शुक्रवार को पूरे शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बन रहे पार्किंग, शौचालय, पार्कों का जायजा लिया गया और इसमें देखा गया कि कितना काम अभी पूरा हो चुका है और कितना काम बाकी है। इसमें केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 30 जून डेडलाइन तय की गई है। शहरी विकास विभाग की ओर से पूरे शहर का ये निरीक्षण किया। इसमें स्मार्ट सिटी पर करीबन 820 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। इसमें 488 करोड़ केंद्र सरकार, जबकि 200 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार की ओर से ग्रांट मिली थी। हालांकि औचक निरीक्षण में ये सामने आया है कि अभी भी शहर में स्मार्ट सिटी का काम पेडिंग है, जो 30 जून तक पूनरा नहीं हो सकता। ऐसे में केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी के कार्यों को निपटाने के लिए एक्सटेंशन भी दे सकती है। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जो ग्रांट मिली थी, वह राशि स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले निर्माण कार्य पर खर्च हो चुकी है।

यूडी निदेशक गोपाल चंद ने अधिकारियों के साथ शहर में चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्यों का जायजा लिया। इसमें एसडीए कांप्लेक्स कुसुम्पटी में बन रही पार्किंग के निर्माण कार्य को देखा गया। 25 करोड़ की लागत से कुसुम्प्टी में पार्किंग का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इसके साथ ही विकासनगर से छोटा शिमला के लिए फुटओवर ब्रिज और स्काईवॉक-वे बनाया जा रहा हे। इसका निर्माण कार्य 30 जून तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही आईजीएमसी में भी 45 करोड़ की लागत से स्मार्ट पार्किंग बन रही है, जिसका काम चल रहा है। इसके साथ ही निदेशक ने हिमुडा कलोनी विकासनगर में 13 करोड़ और एसडीए काम्प्लेक्स पार्किंग में 25 करोड़ रुपए की लागत से बन रही पार्किंग को भी देखा। शिमला शहर को साल 2017 में माकपा शासित नगर निगम के दौरान स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला था। उसके बाद से अब तक शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विभिन्न विकास कार्यों पर काम चल रहा है। इस दौरान निदेशक की ओर से स्मार्ट सिटी के काम में तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए गए। स्मार्ट सिटी के तहत मिली ग्रांट का पैसा लगभग पूरा खर्च हो चुका है, लेकिन शहर में बन रही पार्किंग की कैपेसटी बढऩे से अब प्रोजेक्टस की कॉस्ट भी बढ़ गई है। ऐसे में अब सरकार से अतिरिक्त ग्रांट की भी मांग की जाएगी।

स्मार्ट सिटी के तहत शहर में कितना काम हुआ है, इसके लिए शहर का निरीक्षण किया गया। 30 जून तक कार्य पूरा करने की डेडलाइन है, लेकिन कुछ एक काम ऐसे हैं जिनमें अभी समय लगेगा।
गोपाल चंद, निदेशक शहरी विकास विभाग
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