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चंद्रयान-2 और नासा का LRO टकराने के थे बिल्कुल करीब, ISRO की समझ से टला हादसा
Renuka Sahu
17 Nov 2021 3:55 AM GMT
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फाइल फोटो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को अंतरिक्ष में एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को अंतरिक्ष में एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा. हालांकि समय रहते हुए इस परेशानी को सुलझा लिया गया और स्पेस में एक हादसा होने से बच गया. दरअसल ISRO का चंद्रयान-2 और अमेरिकी स्पेस एजेंसी (NASA) का लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर टकराने के बिल्कुल करीब आ गए थे. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने इस बात का खुलासा किया है.
अक्टूबर में चंद्रयान- 2 ऑर्बिटर और नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर को आपस में टकराने से बचाने के लिए इनके पोलर ऑर्बिट में बदलाव किया गया. दरअसल इन दोनों के बीच दूरी बहुत कम थी. इसरो की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, इन दोनों पास आने से एक सप्ताह पहले दोनों एजेंसियों की ओर से किए गए विश्लेषण में यह पाया गया कि अंतरिक्ष यान के बीच रेडियल अलगाव 100 मीटर से कम होगा और निकटतम दूरी उपरोक्त समय पर सिर्फ 3 किलोमीटर होगी.
इसलिए करीब आ जाते हैं अंतरिक्षयान
इसरो ने कहा कि, दोनों स्पेस एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची कि इस प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए collision avoidance manoeuvre की जरूरत है ताकि अंतरिक्ष में इस तरह के टकराव से बचा जा सके. चंद्रयान -2 और एलआरओ चंद्रमा की लगभग ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करते हैं, यही कारण है कि दोनों अंतरिक्षयान चंद्र ध्रुवों पर एक दूसरे के करीब आते हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इस प्रकार के मामलों की मॉनिटरिंग करता है और जोखिम के अनुसार इसमें बदलाव किए जाते हैं. हालांकि, यह पहली बार है जब इसरो के स्पेस मिशन में इस तरह की मुश्किल सामने आई और यह अलग अनुभव था.
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