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Sundernagar. सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर स्थित 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले होगी। परियोजना के निर्माण से अब तक चार दशकों तक सुरक्षा व्यवस्था हिमाचल प्रदेश पुलिस जवानों के हवाले थी। मगर अब केंद्र सरकार ने परियोजना की सुरक्षा को और चाकचौबंद और कड़ी करने का फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था संभालने को लेकर सीआईएसएफ को तैनात करने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब सीआईएसएफ ने बीएसएल परियोजना प्रबंधन को सुरक्षा विंग के 235 पदों के साथ सुंदरनगर, पंडोह , बग्गी,सुंदरनगर और सलापड में एक अक्टूबर से सेवाएं देने शुरू कर देंगे। इसके लिए रविवार को सीआईएसएफ और बीएसएल परियोजना की शुरुआत के लिए सुंदरनगर में इंडक्शन सेरेमनी भी आयोजित की जा रही है।
पुष्टि करते हुए अधीक्षण अभियंता ई.अजयपाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में बीबीएमबी चेयरमैन सहित सीआरपीएफ के अधिकारी इंडक्शन सेरेमनी में उपस्थित रहेंगे। 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना के सलापड़ स्थित पावर हाउस में बिजली बनाने के लिए टरबाइनों तक ब्यास का पानी पहुंचाया जाता है। इसके लिए पंडोह में ब्यास नदी पर बांध बनाया गया है। जहां से बग्गी तक 12 किलोमीटर भूमिगत टनलों के माध्यम से और वहां से 13 किलोमीटर लंबी खुली नहर के माध्यम से सुंदरनगर जलाशय तक ब्यास का पानी पहुंचता है। सुंदरनगर जलाशय में पानी का भंडारण करने के बाद मांग अनुसार पानी सलापड़ में डैहर पावर हाउस तक पहुंचाने के लिए 13 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है। आधुनिक तकनीकी के जमाने में भी हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तक सिर्फ राइफलों के माध्यम से ही परियोजना की सुरक्षा करती रही है। मगर अब सीआईएसएफ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पंडोह डैम, बग्गी टनल, बग्गी से सुंदरनगर तक टेल कंट्रोल, ड्रेजर, जलाशय से लेकर पुंघ टनल और सलापड़ में पावर हाउस की सुरक्षा देखेगी।
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