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New Delhi. नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने NEET याचिकाओं पर सुनवाई की है. इस पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और दो अन्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा कर रहे थे. सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा और हम इस मामले को बुधवार को सुन सकते हैं. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. बता दें कि आज कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं. जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NTA ने लगाई हैं।
सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा और हम इस मामले को बुधवार को सुन सकते हैं. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. CJI ने कहा कि क्या इस मामले में किसी एक्सपर्ट को शामिल कर सकते है? इस मामले में सेल्फ डिनायल सही नहीं होगा. CJI ने पूछा कि हमें ये बात भी देखनी है कि भविष्य में इस तरह की बात न हो. उसको लेकर क्या किया जा सकता है. हम इस प्रतिष्ठित परीक्षा की बात कर रहे हैं. मिडिल क्लास परिवार के अभिभावक बच्चे मेडिकल में जाने के लिए लालायित रहते हैं. CJI ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस मामले में क्या किया है? 100 फीसदी अंक 67 छात्रों को मिले हैं. हमें इस बात को समझना होगा कि मार्क देने का तरीका क्या है?
मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET-2024 विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 8 जुलाई को सुनवाई जारी है। आज पता चल सकता है कि री-एग्जाम सभी स्टूडेंट्स के लिए होगा या नहीं। अदालत अभी रि-एग्जाम से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, 'किस आधार पर रीएग्जाम की मांग कर रहे हैं? CJI ने कहा, 'ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता। हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।' CJI ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ' सरकार से पूछकर बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डेटा एनालिटिक्स यूनिट के जरिए पता नहीं लगा सकते है।
क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है? क्या गलत काम करने वालों की पहचान करना संभव है? इस तरह हम उन छात्रों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं, जिन्होंने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है। अदालत 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं। 50 से ज्यादा रि-एग्जाम के खिलाफ याचिका लगाई है। इस साल 5 मई को नीट परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन यह परीक्षा एग्जाम के पहले ही विवादों में आ गई थी। पेपर लीक और 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया। सरकार ने सफाई दी। इस बीच राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा छात्रों ने खटखटाया।
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