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BREAKING: अवैध निर्माण प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

Shantanu Roy
28 Sep 2024 4:22 PM GMT
BREAKING: अवैध निर्माण प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
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बड़ी खबर
Noida. नोएडा। नोएडा जिलाधिकारी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की, जिसमें डूब क्षेत्र में अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलवाया गया है. इस कार्रवाई के अंतर्गत 15 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया. यह कदम तब उठाया गया जब सदर एसडीएम चारुल यादव को इस मामले में शिकायत मिली, जिसके बाद उन्होंने त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया. इस कार्रवाई का प्रमुख कारण था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT
) के आदेशों के बावजूद डूब क्षेत्र में अवैध कालोनियों का निर्माण जारी था. ये कालोनियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही थीं, बल्कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनी हुई थीं. हर साल बाढ़ की समस्या से जूझने वाले इस क्षेत्र में अवैध निर्माण ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया था. एसडीएम चारुल यादव ने इस अभियान के लिए भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का नेतृत्व किया. तहसीलदार और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध न कर सके।


लखनावली थाना 142 क्षेत्र में की गई एसडीएम ने इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों के बीच एक सशक्त संदेश दिया है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस कार्रवाई के दौरान, स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया, क्योंकि उन्होंने लंबे समय से अवैध कालोनियों के निर्माण और उससे उत्पन्न समस्याओं का सामना किया था. बाढ़ के खतरे को देखते हुए इस प्रकार की कार्रवाई से क्षेत्र के विकास और सुरक्षा में मदद मिलेगी. जिलाधिकारी के इस कदम ने यह स्पष्ट किया कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता है और पर्यावरण और जनहित के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह मामला न केवल ग्रेटर नोएडा के लिए, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी भूमि के संरक्षण के प्रति एक उदाहरण प्रस्तुत करता है. एसडीएम चारुल यादव ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाइयाँ निश्चित रूप से यह दर्शाती हैं कि जब बात जनता की सुरक्षा और पर्यावरण की आती है, तो प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए तत्पर रहता है. आगे भी ऐसी कार्रवाइयों की आवश्यकता रहेगी, ताकि अवैध कब्जों को रोका जा सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
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