धर्मशाला। बीड़-बिलिंग से पैराग्लाइडिंग के बाद धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों में लापता हुआ पोलैंड के पैराग्लाइडर 74 वर्षीय आंद्रे कुलाविक का शव 10 दिन के बाद गुरुवार को सेना की मदद से लाया जा सका है। शव को बड़ी मुश्किल से पहाड़ के पास खतरनाक इलाके से निकाला गया है। शव को धर्मशाला लाया गया है।
आंद्रे कुलाविक 23 अक्टूबर को कांगड़ा जिले के बैजनाथ की बीड़ से प्राइवेट सोलो फ्लाइंग पर निकले और धौलाधार की पहाड़ियों में लापता हो गए थे। उनके साथ फ्लाइंग करने वाले 3 अन्य साथियों को चॉपर की मदद से रेस्क्यू किया गया था, लेकिन आंद्रे कुलाविक का कोई सुराग नहीं मिल पाया।
उनकी बेटी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिये जब इस बात को उजागर किया तो पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए आंद्रे की खोजबीन शुरू की। कई दिन तक शव को निकालने की कोशिशें फेल हो गईं। ऐसे में भारतीय सेना की विशेष टुकड़ी की मदद ली गई, जिनका बेस कैंप खड़ौता में बनाया गया। वहां से एनडीआरएफ के तीन और आर्मी के 5 सदस्यों ने 4 किलोमीटर के करीब बेहद खतरनाक ट्रैक को पार कर शव को एयरलिफ्ट किया है।