जनता से रिश्ता वेबडेस्क | उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रही शाइस्ता परवीन के बारे में पता चला है कि वह अतीक अहमद की काली कमाई को गुर्गे असाद कालिया के जरिए ठिकाने लगाती थी। आपको बता दें कि वसूल व अन्य अवैध कामों से आने वाली रकम वह असाद को देती थी जो इसे प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे में लगाता था।
पुलिस सूत्रो के मुताबिक, इन बातों का खुलासा पिछले दिनों अतीक के करीबी खान सौलत हनीफ से पूछताछ में हुआ है। तो सौलत ने बताया है कि न सिर्फ प्रयागराज, लखनऊ बल्कि गुजरात, दिल्ली व मुंबई से भी अतीक का रुपया आता था।
इन रुपयों को लेने के लिए वह ही जाता था और इस शाइस्ता को देता था। कई बार ऐसा हुआ जब रकम सीधे शाइस्ता के कहने पर उसने डिलीवरी वाले स्थान से उठाकर असाद कालिया तक पहुंचाई। अतीक के जेल जाने के बाद असाद पर शाइस्ता समेत पूरा परिवार बहुत भरोसा करता था
। असाद रकम को खुद प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे में लगाता था। महंगी जमीनें खरीदता था और फिर प्लॉटिंग कर इसे अपने लोगों के जरिए बेचता था। इसके अलावा प्रॉपर्टी का काम करने वाले कई बड़े प्लॉटरों से उसके संबंध थे। प्रयागराज ही नहीं बल्कि कई अलग-अलग शहरों में उसने प्रॉपर्टी के धंधे में रकम लगाई। रकम लगाने से लेकर मुनाफा होने पर वसूली तक का काम असाद कालिया ही देखता था। अतीक की पत्नी शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है।
उस पर हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा गुड्डू मुस्लिम व साबिर हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों में शामिल हैं। पुलिस और एसटीएफ लगातार इनकी तलाश में जुटी है। गुड्डू मुस्लिम की तलाश में उड़ीसा, मप्र, मुंबई आदि राज्यों में दबिश दी जा चुकी है।
जबकि साबिर व शाइस्ता की तलाश में पुलिस प्रयागराज समेत प्रदेश के कई जिलों की खाक छान चुकी है। इसके बावजूद अब तक इनका सुराग नहीं मिल सका है। गुड्डू व साबिर पर पांच-पांच लाख जबकि शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम भी घोषित है।