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BJP candidate ने आरओ हमीरपुर के समक्ष भरा नामांकन पत्र

Shantanu Roy
19 Jun 2024 11:16 AM GMT
BJP candidate ने आरओ हमीरपुर के समक्ष भरा नामांकन पत्र
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Hamirpur. हमीरपुर। विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी ईं. आशीष शर्मा ने मंगलवार दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर आरओ हमीरपुर के समक्ष अपना नामांकन पर दाखिल किया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल व बीजेपी प्रत्याशी आशीष की धर्मपत्नी स्वाति शर्मा मौजूद रहीं। नामांकन से पूर्व मंगलवार सुबह करीब दस बजे हमीरपुर के ऐतिहासिक गांधी चौक पर हमीरपुर भाजपा की ओर से विजय संकल्प रैली व जनसभा का आयोजन भी किया गया। इसमे पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, सांसद अनुराग ठाकुर, उपचुनाव प्रभारी रणधीर शर्मा, सह प्रभारी त्रिलोक जंवाल, संयोजक बिहारी लाल, सह संजोयक दलीप ठाकुर, धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, बड़सर से आईडी लखनपाल, सहित पूर्व विधायक, भाजपा पदाधिकारी व कार्यकत्र्ता विशेष रूप से मौजूद रहे। इस विशाल जनसभा में हजारों लोगों ने एक स्वर में भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय दिलाने का संकल्प लिया। इस मौके पर आशीष शर्मा ने शिव भगवान की
स्तुति गाकर अपने संबोधन का आरंभ किया।
उन्होंने कहा कि एकादशी के पावन दिवस पर आज नामांकन भरने जा रहा हूं। उन्होंने भारी संख्या में जनसभा में पहुंचे लोगों का आभार व अभिनंदन किया। उन्होंने अनुराग ठाकुर को भी पांचवीं बार सांसद बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि जनसभा में पहुंचे जनसैलाब ने तय कर दिया है कि इस बार हमीरपुर से भाजपा रिकॉर्डतोड़ मतों से विजयी होगी। आशीष ने कहा कि इस जनसैलाब ने यह साबित किया है कि आप अपने बेटे के लिए यहां आए हैं। उसके बाद आशीष शर्मा ने मंच से बताया कि आखिर उन्हें क्योंकि इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बतौर निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दिया और मुख्यमंत्री का पहला कार्यक्रम भी हमीरपुर में मैने ही करवाया, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक चुने हुए विधायक को दरकिनार किया। हर बार लोगों के कामों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने चार-चार दिन दफ्तर के बाहर बैठाए रखा। आशीष ने कहा कि क्यों चुने हुए नौ विधायक उन्हें छोड़ कर गए, यह मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए व आत्ममंथन करना चाहिए। उनके ही जिले के तीन विधायकों को क्यों उनका साथ छोडऩा पड़ा। आशीष ने कहा कि जब मुझे लगा कि मुख्यमंत्री को अपने ही जिले के लोगों के काम करने में दिलचस्पी नहीं है तो हम क्यों और कब तक उनके आगे-पीछे घूमते रहते।
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