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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन हो चुका है. परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इन सुगबुगाहटों के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के गैर स्थानीय नागरिकों को भी मतदाता सूची में शामिल करने संबंधी बयान पर सियासी घमासान मच गया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक बुला ली थी. अब चुनाव आयोग ने भी सर्वदलीय बैठक बुला ली है.
जानकारी के मुताबिक जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदयेश कुमार ने सोमवार यानी 5 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. मुख्य चुनाव अधिकारी ने शाम 4 बजे से सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चर्चा होगी. सूत्रों की मानें तो इस बैठक के लिए लगभग सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.
मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी मतदाता सूची में गैर स्थानीय मतदाताओं को भी शामिल किए जाने को लेकर चर्चा कर सकते हैं. जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदयेश कुमार मतदाता सूची के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले सभी सियासी दलों से चर्चा कर लेना चाहते हैं जिससे आगे किसी तरह के विवाद की संभावना ना रहे.
जम्मू कश्मीर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से सर्वदलीय बैठक को लेकर निमंत्रण मिलने की पुष्टि की है. गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ये बैठक ऐसे समय में बुलाई है, जब मतदाता सूची को लेकर उनकी ओर से ही दिए गए एक बयान से राजनीति गर्म है.
जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदयेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि जो गैर कश्मीरी लोग जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं, वे भी अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकते हैं जिसके लिए निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वोटर लिस्ट में करीब 25 लाख नए मतदाताओं के शामिल होने की भी उम्मीद जताई थी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के इसी ऐलान के बाद सूबे की सियासी पार्टियां भड़क उठीं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक बुला ली थी जिसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही शिवसेना के नेता भी शामिल हुए थे. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी ने इस बैठक से दूरी बना ली थी. विवाद बढ़ने के बाद जम्मू कश्मीर निर्वाचन आयोग को सफाई देनी पड़ी थी.
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