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पौंग-पंडोह डैम पर बड़ा फैसला जल्द, इस बार 50 हजार की जगह छोड़ा गया डेढ़ लाख क्यूसिक पानी

Shantanu Roy
24 Sep 2023 10:19 AM GMT
पौंग-पंडोह डैम पर बड़ा फैसला जल्द, इस बार 50 हजार की जगह छोड़ा गया डेढ़ लाख क्यूसिक पानी
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस बार बरसात में पौंग और पंडोह डैम से पानी छोडऩे के कारण हुए नुकसान पर सरकार उचित फैसला लेगी। इस बारे में सभी विकल्पों पर विचार चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के इस दौर में जहां पौंग डैम में 50000 क्यूसिक पानी छोड़ा जाना था, वहां डेढ़ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण दो विधानसभा क्षेत्रों इंदौरा और फतेहपुर में भारी क्षति हुई। यही हाल मंडी के पंडोह डैम से छोड़े गए पानी के कारण हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नई ऊर्जा नीति बना रही है। उसमें भी डैम सेफ्टी को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने यह सवाल पूछा था कि बिजली प्रोजेक्टों के डैम से ऊपर के एरिया के लिए तो प्रावधान होते है।
लेकिन डाउनस्ट्रीम एरिया के लिए कोई प्रावधान नहीं हो रहा है। इस कारण डैम से छोड़े जाने वाले पानी से होने वाली क्षति की भरपाई नहीं हो रही। हर साल कितना पैसा बिजली उत्पादन से राज्य सरकार को आ रहा है? मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि डैम सेफ्टी अब महत्त्वपूर्ण विषय है। पूर्व भाजपा सरकार के समय ही डैम सेफ्टी यूनिट का गठन हिमाचल में हुआ था। इस बार बरसात में हुई क्षति के बाद इस सारी स्थिति की समीक्षा की गई और कुल 23 बिजली प्रोजेक्टों के डैम का रिव्यू करने के बाद 21 डैम को नोटिस दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार को रॉयल्टी से मिलने वाली बिजली बेचकर हर साल लगभग 1800 करोड़ की इनकम हो रही है। राज्य ने अभी तक 11000 मेगावाट विद्युत क्षमता का दोहन किया है, जबकि कुल क्षमता 25000 मेगावाट की है।
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