भारत

BIG BREAKING: पूर्व विधायक के करोड़ों की संपत्ति कुर्क, ED ने की कार्रवाई

Shantanu Roy
19 Oct 2024 5:58 PM GMT
BIG BREAKING: पूर्व विधायक के करोड़ों की संपत्ति कुर्क, ED ने की कार्रवाई
x
बड़ी खबर
Bhadohi. भदोही। मनी लॉंड्रिंग मामले में यूपी के भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने उनकी 12.54 करोड़ रुपये की चार अचल संपत्तियां कुर्क कर ली है। प्रयागराज सब-जोनल कार्यालय के आदेश के अनुसार विजय मिश्रा ने गैर कानूनी ढंग से धन अर्जित कर अपनी पत्नी पूर्व एमएलसी रामलली मिश्रा व अन्य सहयोगियों के नाम प्रयागराज, दिल्ली व रीवा में संपत्ति खरीदी थी। इसके अलावा 1.85 करोड़ रुपये का फिक्स डिपॉजिट भी शामिल है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की है।

ईडी ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी रामलली मिश्रा के खिलाफ पीएस हंडिया में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। इसमें पाया गया कि पूर्व विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया। ईडी ने 28 फरवरी को मेसर्स वीएसपी स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर जसोला दिल्ली में खरीदी गई 11.07 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। कंपनी के नाम से प्रयागराज में एक संपत्ति खरीदने में निवेश किया था। इसके अलावा रीवा (मध्य प्रदेश) में चंदन तिवारी के नाम एक संपत्ति खरीदी गई थी।

जिसका भुगतान विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा ने अपराध की आय से किया था। ईडी की जांच में पता चला है कि विजय मिश्रा के कहने पर परिवार ने भोला नाथ राजपति शुक्ला को संपत्ति हस्तांतरित कर दी थी। एक हिस्सा ऋण की आड़ में विजय मिश्रा के रिश्तेदार वीरेंद्र राममूरत तिवारी को हस्तांतरित किया गया। ताकि इसे बेदाग धन के रूप में दिखाया जा सके। इसलिए भोलानाथ राजपति शुक्ला और वीरेंद्र राममूरत तिवारी की पीओसी का उपयोग कर अर्जित चल व अचल संपत्ति को भी कुर्क किया गया। ईडी की जांच में पता चला कि विजय मिश्रा और उनकी पत्नी रामलली मिश्रा ने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था। लगभग 36.07 करोड़ रुपये आपराधिक मामले के अलावा विजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जबरन वसूली, अवैध खनन जैसे 84 अन्य आपराधिक मामले दर्ज पाए गए। अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश, संगठित अपराध हैं।
Next Story