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New Delhi. नई दिल्ली। G7 के आउटरीच सेशन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले साल G20 समिट के दौरान PM मोदी की तरफ से AI को लेकर की गई पहल की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50वें G7 समिट के लिए इटली में हैं। PM ने शुक्रवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इसके बाद मोदी वैटिकन सिटी के प्रमुख पोप फ्रांसिस से भी मिले। प्रधानमंत्री G7 की आउटरीच बैठक में शामिल हुए।
इससे पहले PM मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक से भी मिले। रूस-यूक्रेन जंग के बीच सबसे ज्यादा चर्चा मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की है। मुलाकात के दौरान दोनों नेता गले लगे। इसके बाद उनके बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। जंग शुरू होने के बाद यह दूसरा मौका है जब मोदी जेलेंस्की से मिले हैं। इससे पहले पिछले साल दोनों नेताओं ने जापान में G7 समिट में मुलाकात की थी। PM मोदी लगातार 5वीं बार G7 समिट में शामिल हुए हैं। वे देर रात 3:30 बजे इटली पहुंचे थे।
मेलोनी ने कहा कि इटली की अध्यक्षता में G7 समूह इस नरेटिव को कभी स्वीकार नहीं करेगा कि 'पश्चिमी देश दुनिया के खिलाफ हैं। PM मेलोनी ने कहा, "G7 के मुद्दों में भूमध्यसागर का क्षेत्र और अफ्रीकी कॉन्टिनेंट को भी शामिल किया गया है। हमें मिलकर इस क्षेत्र में सहयोग और समानता को बढ़ाने के लिए काम करना है।" इसके अलावा हमें क्लाइमेट चेंज जैसे बड़े मुद्दे से भी मिलकर निपटना होगा। हमने G7 समिट के लिए अपुलिया शहर चुना क्योंकि यह शहर पश्चिमी और पूर्वी देशों के बीच डायलॉग का मंच रहा है। हम यह आउटरीच सेशन उन मु्द्दों को संबोधित करते हैं, जो इस वक्त पूरी दुनिया के लिए अहम हैं।
इनमें सबसे पहले आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आता है। यह तकनीक दुनिया में विकास के नए मौके प्रदान करती है। हालांकि, इसके कई खतरनाक चुनौतियां भी हैं। G7 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी के बीच बहस हो गई। दरअसल, मैक्रों ने G7 के जॉइंट स्टेटमेंट में गर्भपात के अधिकार का मुद्दा उठाने की मांग की। लेकिन मेलोनी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैक्रों G7 को चुनावी राजनीति का मंच न बनाएं। मेलोनी की इस बात से मैक्रों नाराज हो गए। दरअसल, फ्रांस में इसी महीने के आखिर में चुनाव हैं। मैक्रों सरकार ने मार्च में गर्भपात के अधिकार को संवैधानिक बना दिया था। इटली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मैक्रों ने कहा कि यहां पर महिलाओं को लेकर वैसी संवेदनशीलता नहीं देखी जाती है जैसी हमारे यहां है। उन्होंने कहा कि ये बेहद बुरा है कि गर्भपात का संदर्भ हटा दिया गया। दूसरी तरफ, जॉइंट स्टेटमेंट से गर्भपात के मुद्दे को हटाने की वजह से सोशल मीडिया पर मेलोनी को ट्रोल किया जा रहा है। कुछ यूजर्स ने कहा कि एक महिला PM को ‘महिलाओं के अधिकार’ से जुड़े मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है।
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