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New Delhi. नई दिल्ली। आतिशी दिल्ली के सीएम पद की शपथ ले रही है पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंचीं।
दिल्ली में नई सरकार गठन का शपथ ग्रहण कार्यक्रम। LIVE https://t.co/5gAM9aOJDD
— AAP (@AamAadmiParty) September 21, 2024
#WATCH | AAP leader Atishi to take oath as Delhi CM, shortly. Five ministers are to be sworn in along with her today pic.twitter.com/rCBeyY0mr5
— ANI (@ANI) September 21, 2024
आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले AAP विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि BJP जब अपनी जांच एजेंसियों के बल पर आम आदमी पार्टी को तोड़ ना सकी तब हमारे नेताओं को फ़र्ज़ी मामले बनाकर जेल में डाल दिया. दिल्ली की जनता ने BJP को तीन बार ख़ारिज किया. इसके बाद बीजेपी ने इसका बदला लेने के लिए ED-CBI का दुरुपयोग करते हुए हमारे नेताओं को जेल में डाल दिया. सुप्रीम कोर्ट में BJP की सभी साज़िशें नाकाम हो गईं और केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा मारा गया, लेकिन इसके बाद भी मर्यादा और आदर्शों का पालन करते हुए अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफ़ा दे दिया और अब जनता की अदालत में अग्नि परीक्षा देंगे.
आतिशी पहली बार 2020 में विधायक निर्वाचित हुई थीं. आतिशी 2020 के दिल्ली चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. 2023 में आतिशी को पहली बार केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली और उनको उस शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई जिसके लिए वह बतौर सलाहकार मनीष सिसोदिया के साथ काम कर चुकी थीं. केजरीवाल ने जेल में रहते करीब एक महीने पहले ही स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए भी आतिशी के ही नाम का प्रस्ताव एलजी से किया था. हालांकि एलजी ने कैलाश गहलोत को यह दायित्व सौंपा था.
आतिशी ने जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक शिक्षा विभाग में मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम किया. वह 2015 के खंडवा जल सत्याग्रह में शामिल रहीं ही, कानून लड़ाई भी लड़ी. 2020 के गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उन्हें राज्य के प्रभारी की जिम्मेदारी भी सौंपी थी जहां पार्टी दो सीटें जीतने में सफल रही थी. आतिशी ने आम आदमी पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. वह 2013 में चुनावी डेब्यू करने वाली आम आदमी पार्टी का पहला मैनिफेस्टो तैयार करने वाली घोषणापत्र मसौदा समिति की भी सदस्य रहीं और शुरुआती दिनों में पार्टी की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता के रूप में भी आतिशी ने प्रमुख मंचों पर मजबूती से पार्टी का पक्ष रखा. उन्हें सीएम केजरीवाल की विश्वासपात्र नेताओं में गिना ही जाता है, वह मनीष सिसोदिया की भी करीबी मानी जाती हैं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल 13 सितंबर को आबकारी नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद बाहर आए. दो दिन बाद केजरीवाल ने कहा था कि भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के बाद वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में दिल्ली की जनता से ईमानदारी का प्रमाण पत्र मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री पद पर वापस लौटेंगे. केजरीवाल के इस्तीफे के बाद AAP विधायकों ने इस सप्ताह की शुरुआत में बैठक की थी और सर्वसम्मति से आतिशी को सत्तारूढ़ विधायक दल का नेता चुना था. इसके बाद राष्ट्रपति ने आतिशी को दिल्ली की मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया था. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने 5 मंत्रियों की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है. सभी को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आज राजभवन बुलाया गया है.
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