
शिमला। यदि सरकारी स्कूल का कोई शिक्षक संबंधित स्कूलों में एडमिशन या एनरोलमेंट बढ़ाने पर काम करता है, तो उसे विदेश जाने का मौका शिक्षा विभाग देगा। समग्र शिक्षा के एक प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 200 शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भेजा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने पहली बार चयन के लिए नई नीति प्रस्तावित की है। आजकल इस ड्राफ्ट पर काम चल रहा है।
करीब आठ बिंदुओं से यह तय किया जाएगा कि विदेश जाने वाले शिक्षकों का चयन कैसे होगा? इसमें सबसे महत्वपूर्ण दो बातें रहने वाली हैं। यदि किसी टीचर की क्लास का रिजल्ट लगातार बेहतर है, तो उसे ज्यादा पॉइंट मिलेंगे। इसके लिए बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट को आधार बनाया जाएगा। इसके अलावा यदि स्कूल में एडमिशन बढ़ाने के लिए किसी शिक्षक ने योगदान दिया है या शिक्षक की वजह से एनरोलमेंट बढ़ी है, तो यह भी एक बड़ा आधार होगा। टीचर्स की हायर क्वालिफिकेशन और रिसर्च पेपर भी एक बिंदु रहेगा। यदि किसी शिक्षक ने किताब लिखी है या ट्रेनिंग एवं वर्कशॉप अटेंडेंस पूरी है, तो भी यह चयन में मदद करेगा।
शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा प्रोजेक्ट डायरेक्टर को इस ड्राफ्ट को फाइनल करने को कहा है। इसके बाद राज्य सरकार से इस ड्राफ्ट पर मंजूरी ली जाएगी। यह पहली बार होगा कि टीचर्स को इतनी ज्यादा संख्या पर एक्सपोजर विजिट के लिए देश से बाहर भेजा जा रहा है। यह भी एक कारण है कि इस चयन के लिए एक पॉलिसी बनाने की जरूरत दिखी है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि टीचर्स का चयन कैसे हो? इस ड्राफ्ट पर अभी काम चल रहा है। जल्द ही यह फाइनल हो जाएगा।
