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ब्रह्मपुत्र नदी में समा गई असम की 4.27 लाख एकड़ भूमि, विधानसभा में बोले मंत्री
Renuka Sahu
15 July 2021 2:55 AM GMT
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फाइल फोटो
असम विधानसभा में सरकार ने बुधवार को बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी में कटाव के कारण असम ने अपनी करीब 4.27 लाख हेक्टेयर जमीन खो दी है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम विधानसभा में सरकार ने बुधवार को बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी में कटाव के कारण असम ने अपनी करीब 4.27 लाख हेक्टेयर जमीन खो दी है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक सिराजुद्दीन अजमल के सवाल के जवाब में जल संसाधन मंत्री पिजूष हजारिका ने कहा कि ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों और उनकी सहायक नदियों के कारण होने वाले सबसे भीषण आपदा बाढ़ और कटाव हैं.
उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग कटाव से प्रभावित क्षेत्रों ने समय-समय पर आवश्यकतानुसार उससे बचाव के उपाय करता रहता है. मंत्री ने कहा कि अलग-अलग नदियों से होने वाले कटाव की समस्या को नियंत्रित करने में इन योजनाओं के वांछित परिणाम मिल रहे हैं. असम विधानसभा ने 2015 में एक प्रस्ताव पारित करके नदियों से होने वाले कटाव को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दिशा-निर्देशों में शामिल कर दिया था.
2015 में कटाव को राज्य विशेष के लिए आपदा घोषित किया गया था
मंत्री पिजूष हजारिका ने बताया कि राज्य सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने 2015 में कटाव को राज्य विशेष के लिए आपदा घोषित किया था. नियमानुसार एसडीआरएफ के तहत आवंटित धन/कोष के 10 फीसदी हिस्से का उपयोग राज्य विशेष की आपदाओं के संदर्भ में किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग ने कटाव को आपदा माना है.
असम की पिछली सरकार ने पांच साल में समाचार पत्रों में विज्ञापनों पर खर्च किए 82.59 करोड़ रुपए
वहीं सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली असम की पिछली सरकार ने पांच साल में समाचार पत्रों में विज्ञापनों पर 82.59 करोड़ रुपए खर्च किए. राज्य की विधानसभा को बुधवार को इसकी जानकारी दी गई. प्रश्नकाल के दौरान ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक करीम उद्दीन बरभुया के एक सवाल का जवाब देते हुए सूचना एवं जनसंपर्क (आईपीआर) मंत्री पिजूष हजारिका ने कहा कि वो विज्ञापन राज्य की अलग-अलग भाषाओं के 41 समाचार पत्रों में प्रकाशित किए गए थे.
एक संबंधित प्रश्न के जवाब में मंत्री पिजूष हजारिका ने कहा कि आईपीआर विभाग ने असमिया भाषा में 13 समाचार पत्रों को सूचीबद्ध किया है, इसके बाद अंग्रेजी में नौ और बांग्ला और हिंदी में छह-छह समाचार पत्र सूचीबद्ध हैं. हजारिका ने कहा कि सरकार के पास समाचार पत्रों के प्रबंधन द्वारा बताए गए सर्कुलेशन के आंकड़ों की पड़ताल करने का कोई तंत्र नहीं है, लेकिन इसपर विचार चल रहा है.
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