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कोरोना टीका लगाने के बाद आशा वर्कर की मौत....परिजनों ने अस्पताल में किया जमकर हंगामा

Admin2
12 Feb 2021 4:38 PM GMT
कोरोना टीका लगाने के बाद आशा वर्कर की मौत....परिजनों ने अस्पताल में किया जमकर हंगामा
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कोरोना का कहर

पानीपत। 4 फरवरी को अहर CHC में कोरोना का टीका लगवाने के बाद हरियाणा के मतलौडा के गांव अटावला की आशा वर्कर की तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने उसे शहर के दो अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. आशा वर्कर ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया, परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने सही उपचार नहीं दिलाया और कोरोना वैक्सीन के कारण उसकी मौत हुई है. जबकि स्वास्थ्य विभाग अन्य बीमारी के कारण आशा वर्कर की मौत का दावा कर रहा है. अब आशा वर्कर की मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता लगेगा.

मतलौडा ब्लॉक के गांव अटावला निवासी 35 वर्षीय कविता बीते 12 साल से गांव में ही आशा वर्कर है. कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में जिले के सभी हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण हुआ. इसमें कविता का भी नाम था. कविता ने 3 फरवरी को अहर CHC पर बने वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना का टीका लगवाय. सिवाह राजकीय स्कूल में कर्मचारी कविता के पति सुरेश ने बताया कि वह भी दोपहर बाद घर पहुंचा. तब उनकी पत्नी टीका लगवाकर आई थी. कुछ देर बाद ही कविता ने घबराहट और तेज बुखार की शिकायत की. दो दिन तक कविता ने पेरासिटामॉल की गोली खाई. आराम न होने पर गांव में ही डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने शहर जाने की सलाह दी.

सुरेश ने बताया कि इसके बाद वह कविता को लेकर गैलेक्सी अस्पताल पहुंचे. वहां, BP जांच के बाद ही कविता को भर्ती करने से मना कर दिया. फिर उन्होंने 9 फरवरी को कविता को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भर्ती कराया जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. कविता की मौत के बाद परिजनों ने ICU के बाहर घंटों हंगामा किया. मौके पर पहुंची किला पुलिस ने परिजनों को शांत करने का प्रयास किया. मृतिका के पति सुरेश ने बताया कि परिजन और खुद कविता कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहती थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से बार-बार फोन और मैसेज आने लगे. विभाग के दबाव के बाद 4 फरवरी को टीका लगवाया था. उसके बाद तबीयत खराब होने के चलते इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वहीं सीएमओ संतलाल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज जिस आशा वर्कर महिला कविता की मोत हुई है उसने 4फरवरी को वैक्सीन लगवाई थी. उसे पहले निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. रोहतक मैडिकल कॉलेज से भी डॉक्टर की एक टीम आई थी. उसने भी महिला के हालात को नाजुक देखते हुए उसे निजी हॉस्पिटल में ही वेंटिलेटर पर रखने सी सलाह दी ,लेकिन फिर भी डॉक्टर महिला को नहीं बचा पाए, फिलहाल महिला की मौत किस बीमारी के कारण हुई है यह अभी बताना संभव नहीं है. महिला का पोस्टमार्टम करवाने के बाद ही मौत का खुलासा होगा.



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