ओडिशा | रेल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले की जांच को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल बनाया जाए, जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करे। अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली (जिसे कवच सुरक्षा प्रणाली कहा जाता है) के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग भी की गई है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर के पास बाहानगा बाजार में हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को रविवार को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का एलान किया। सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये, जबकि हादसे में घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।
रेलवे की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बाहानगा बजार रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। कोलकाता से 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर में बालासोर के पास बाहानगा बाजार स्टेशन पर शुक्रवार को हुए इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। यह रेल इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक है। इसमें कम से कम 288 यात्रियों की मौत हो गई हैं और 1,100 से अधिक यात्री घायल हुए हैं।