शिमला। एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए निगम प्रबंधन नए-नए प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अब प्रदेश से बाहरी राज्यों को जाने वाले यानी इंटरस्टेट रूटों का भी निगम आकलन करेगा कि किन रूटों पर कमाई अधिक है और किन रूटों पर कम। जिन रूटों पर निगम को बहुत कम इनकम हो रही है, उन रूटों का आकलन कर निगम उक्त रूटों पर बसों के संचालन का समय सहित अन्य सुधार करेगा। इस सुधार से यात्रियों को भी विभिन्न स्टेशनों से बस सुविधा मिलेगी, वहीं लोग सीधे बाहरी राज्यों के लिए निगम की बसों में सफर कर सकेंगे। इस संबंध में निगम प्रबंधन ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। एचआरटीसी द्वारा उन इंटरस्टेट रूटों का आकलन किया जाएगा, जिन रूटों से काफी कम इनकम हो रही है। निगम प्रबंधन द्वारा ऐसे रूटों का पिछले एक साल का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा।
इसमें देखा जाएगा कि उक्त रूटों पर निगम को प्रति किलोमीटर कितना घाटा हो रहा है। माह की कितनी इनकम है। हर माह निगम को उक्त रूट से कितना घाटा हो रहा है। इसके साथ-साथ निगम प्रबंधन द्वारा घाटे की वजह का आकलन भी किया जाएगा। निगम के अभी तक के आकलन में यह भी सामने आया है कि कई रूटों पर टाइमिंग एक होने से रूटों पर निगम को इनकम कम हो रही है, ऐसे में अब निगम प्रबंधन द्वारा सभी आरएम को निर्देश दिए गए हैं कि घाटे में चल रहे इंटरस्टेट रूटों का आकलन किया जाए और आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर निगम प्रबंधन को भेजी जाए ताकि उक्त रूटों में कुछ संशोधन कर चलाया जाए और घाटे को कम किया जाए सके। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि निगम का घाटा कम करने के लिए घाटे में चल रहे इंटर स्टेट रूटों का आकलन करवाया जा रहा है। इसके लिए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि आकलन के बाद उक्त रूटों पर इनकम बढ़ाने के लिए सुधार किया जा सके।