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BIG BREAKING: अमित शाह को लेकर किया था दावा...चुनाव आयोग ने लिया ये फैसला

jantaserishta.com
3 Jun 2024 10:58 AM GMT
BIG BREAKING: अमित शाह को लेकर किया था दावा...चुनाव आयोग ने लिया ये फैसला
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भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था.

Election Commission नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को उस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने दो दिन पहले यह दावा किया था कि मतगणना से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देशभर के 150 जिलाधिकारियों को फोन कर रहे हैं और ऐसा कर वह चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जयराम रमेश के इस ट्वीट पर भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिसपर आयोग ने जयराम रमेश से अपना पक्ष रखने को कहा था।

आयोग के नोटिस पर रमेश ने एक हफ्ते का अतिरिक्त समय देने की मांग की थी, जिसे आयोग ने इनकार कर दिया और आज (सोमवार) शाम 7 बजे तक उनसे मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। रमेश को लिखे पत्र में आयोग ने 3 जून को शाम 7 बजे तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है अन्यथा चुनाव आयोग उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा।
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा है, "आपका आरोप है कि लगभग 150 संसदीय क्षेत्रों के जिला मजिस्ट्रेटों, जो आरओ/डीईओ भी हैं, को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है, जिसका कल होने वाली मतगणना प्रक्रिया की पवित्रता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। जैसा कि आयोग के दिनांक 02..06.2024 के पत्र में उल्लेख किया गया है, किसी भी डीएम ने आपके द्वारा लगाए गए किसी भी अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है। इसलिए, आयोग समय विस्तार के आपके अनुरोध को पूरी तरह से खारिज करता है।"
इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन आरोपों के साक्ष्य साझा करें जिनमें कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को दूषित करने के लिए प्रभावित किया गया था, ताकि आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। सीईसी ने कहा कि विपक्ष को मतगणना शुरू होने से पहले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों के बारे में भी आयोग को बताना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू भी मौजूद थे।
कुमार ने कहा, “आप अफवाह फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते।” उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी विदेशी प्रयास से निपटने के लिए तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं। जिलाधिकारियों को प्रभावित किए जाने के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि किस जिलाधिकारी को प्रभावित किया गया और हम उन्हें दंडित करेंगे। मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले उन्हें हमें बताना चाहिए।”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिलाधिकारियों या कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं और उन्हें “खुलेआम” डराने-धमकाने में लगे हैं। चुनाव के दौरान जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर अपने-अपने जिलों के निर्वाचन अधिकारी होते हैं। रमेश ने दावा किया कि शाह पहले ही 150 जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टरों से बात कर चुके हैं। उन्होंने 1 जून को ट्वीट किया था, "निवर्तमान गृह मंत्री डीएम/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। अब तक उन्होंने उनमें से 150 से बात की है। यह स्पष्ट और बेशर्मी से डराने-धमकाने की कोशिश है, जो दिखाता है कि भाजपा कितनी हताश है।"
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