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नई दिल्ली: अपने 14 हवाई अड्डों में 'एम्बुलिफ्ट' की व्यवस्था करेगी एएआई पहले चरण में 20 एयरपोर्ट पर दी जाएगी यह सुविधा एम्बुलिफ्ट के लिए पहले चरण में कुल 20 एयर पोर्ट चुने गए हैं. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने दिव्यांगजनों को विमान पर चढ़ने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अपने 14 हवाई अड्डों में एम्बुलिफ्ट की व्यवस्था की है.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने एक बयान में कहा कि जिन एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर एंबुलिफ़्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. भारत सरकार के एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन (सुगम्य भारत अभियान) के अंतर्गत एयरपोर्ट ने एएआई बुजुर्ग, प्रेग्नेंट औरतों और दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए 14 हवाई अड्डों पर एंबुलिफ़्ट तैनात कर दिए हैं.
आने जाने में परेशानी का सामना करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए व्हील चेयर पर दिव्यांग यात्री और स्ट्रेचर पर यात्रियों की सुविधा के लिए एएआई ने ऐसे हवाई अड्डों के लिए 20 एम्बुलिफ्ट खरीदे हैं जिनमें कोड सी और अन्य उन्नत स्तर के विमान के उड़ान का संचालन होता है लेकिन उनमें एयरोब्रिज की सुविधा नहीं है.
देहरादून, गोरखपुर, पटना, बागडोगरा, दरभंगा, इंफाल, विजयवाड़ा, पोर्ट ब्लेयर, जोधपुर, बेलगाम, सिलचर, झारसुगुडा, राजकोट, हुबली के कुल 14 हवाई अड्डों पर एंबुलिफ्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है. 14 हवाई अड्डों के अलावा शेष छह हवाई अड्डों दीमापुर, जोरहाट, लेह, जामनगर, भुज और कानपुर हवाईअड्डे पर इस महीने के अंत तक ये सुविधा चालू हो जाएगी.
एम्बुलिफ्ट के बारे में 4 बातें
1. एम्बुलिफ्ट एक समय में एक अटेंडेंट के साथ छह व्हीलचेयर और दो स्ट्रेचर को ले जाने में सक्षम हैं.
2. इसमें हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम की भी सुविधा है.
3. इन्हें 63 लाख रुपये प्रति यूनिट की लागत से खरीदा गया है, लेकिन एएआई अपने हवाई अड्डों पर एयरलाइनों को नाम मात्र के शुल्क पर एम्बुलिफ्ट की सुविधा दे रहा है.
4. इस सुविधा से उन हवाई अड्डों पर 'दिव्यांगजन' की भी मदद हो सकेगी जहां एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
क्या है सुगम्य भारत अभियान
भारत सरकार सुगम्य भारत अभियान की परिकल्पना के तहत ऐसी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काम कर रही है जिससे हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के सम्पर्क में आने वाले बुजुर्ग और दिव्यांग आदि यात्रियों को आने-जाने में अधिकतम सुगमता हो सके. पूरी तरह से सुलभ सार्वजनिक बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करना ही इस अभियान का लक्ष्य है. एम्बुलिफ्ट को 'मेक इन इंडिया' नीति के अंतर्गत स्वदेशी रूप से निर्मित किया गया है.
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