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पर्यावरण और वन मंत्रालय और असम सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भेजा सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस

suraj
23 May 2023 1:19 PM GMT
पर्यावरण और वन मंत्रालय और असम सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भेजा सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और असम सरकार को नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने यह नोटिस पर्यावरण कार्यकर्ता रोहित चौधरी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। इस याचिका में रोहित चौधरी ने अदालत से बिना किसी और देरी के पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य की सीमा का सटीक सीमांकन करने का निर्देश देने की मांग की थी।साथ ही उन्होंने यह मांग भी की थी कि पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य के आसपास के क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाए और सभी अतिक्रमण हटाए जाएं।

शीर्ष अदालत की जस्टिस बी आर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने असम में वन्यजीव अभयारण्य के संबंध में पर्यावरण और वन मंत्रालय और राज्य सरकार के साथ ही केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिका में कहा गया है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत 1998 में अधिसूचित अभयारण्य की सीमा को अभी तक सटीक रूप से चिह्नित नहीं किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग को अभयारण्य क्षेत्र के एक हिस्से, खास भूमि (सरकारी नियंत्रित भूमि) का नियंत्रण अभी तक सौंपा जाना है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने 11 दिसंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की घोर अवहेलना करते हुए अभयारण्य के आसपास के क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) घोषित करने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए हैं।

याचिका में यह भी कह गया है कि शीर्ष कोर्ट प्रतिवादियों को बिना किसी और देरी के 17 मार्च, 1998 की अधिसूचना के अनुसार पोबितोरा वन्य जीवन अभयारण्य की सीमा का सटीक सीमांकन करने का निर्देश दें।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री की हत्या मामले में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई की जांच के दायरे में आए वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका को 25 मई को तेलंगाना हाई कोर्ट की अवकाश पीठ के सामने पेश करने का निर्देश दिया।

इससे पहले, तेलंगाना हाईकोर्ट ने 28 अप्रैल को वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पांच जून के लिए स्थगित कर दी थी।

न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने कहा हम अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करने के लिए इच्छुक हैं। चूंकि 24 अप्रैल, 2023 को इस अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुसार अग्रिम जमानत अर्जी पर 27 अप्रैल को सुनवाई की गई थी और कोई आदेश पारित नहीं किया गया था। ऐसे में हम निर्देश देते हैं कि इसे हाईकोर्ट की अवकाश पीठ के सामने पहले रखा जाए। अगली अवकाश पीठ 25 मई को और सभी पक्षों को सुनने के बाद आवश्यक आदेश पारित किया जाए।

शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को तेलंगाना हाई कोर्ट के निर्देशों को अस्वीकार्य करार दिया था। साथ ही हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई से वाईएस अविनाश रेड्डी को एक लिखित प्रश्नावली उपलब्ध कराने के अपने आदेश को रद्द कर दिया था।

हालांकि शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट सांसद की अग्रिम जमानत याचिका पर उसकी टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना सुनवाई आगे बढ़ा सकता है।

एम करुणानिधि के लिए 'पेन स्मारक' बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ SC में याचिका

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि की याद में मरीना बीच पर 'कलम स्मारक' बनाने के प्रस्ताव पर जनसुनवाई के दौरान हंगामा हो गया। जनसभा में उस समय हंगामा मचाने वाली राजनीतिक पार्टियों में भाजपा, अन्नाद्रमुक और एनटीके शामिल थीं। वहीं बैठक में भाग लेने वाले भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया किपरियोजना के खिलाफ अपनी राय देने की कोशिश करने पर डीएमके सदस्यों ने उनपर चिल्लाने और हंगामा करने की कोशिश की।

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि की याद में मरीना बीच पर 'कलम स्मारक' बनाने के प्रस्ताव का विरोध खत्म नहीं हो रहा है। इस बीच, स्मारक बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

मदुरै के रहने वाले के के रमेश ने शीर्ष कोर्ट में यह याचिका दायर की है। इसमें अदालत से तमिलनाडु सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को निर्णय वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। उन्होंने याचिका में दावा किया है कि कलम स्मारण पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के सभी विभागों ने पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए जल्दबाजी में प्रस्तावित स्मारक के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया।

गौरतलब है कि राज्य सरकार मुथमिल कलाइगनर करुणानिधि स्मारक के पास मरीना बीच पर 134 फीट ऊंची पेन की मूर्ति बनाने की योजना बना रही है।

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