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मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी हुआ, जानें पूरी डिटेल्स

jantaserishta.com
9 Jun 2022 10:34 AM GMT
मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी हुआ, जानें पूरी डिटेल्स
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

लखनऊ: कोरोना महामारी के बीच Monkeypox के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चेतावनी जारी की है. 29 देशों में इसके एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ब्रिटेन में अब तक सबसे ज्यादा मामले मिले हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है.

उत्तर प्रदेश में भले ही इस संक्रमण को लेकर अभी कोई भी मरीज नहीं है, लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य विभाग बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से अलर्ट है. जिसके तहत पीएचसी-सीएचसी के प्रभारियों को सतर्कता बरतते हुए मरीज मिलने पर तुरंत ही सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का वार्ड बनाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि मरीज मिलने पर तत्‍काल प्रभाव से भर्ती कर इलाज किया जा सके.
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में सावधानी बरते जाने के निर्देश जारी किए हैं. उन्‍होंने आला अधिकारियों को मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार आदि के बारे में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को जागरूक करने के आदेश दिए हैं. उन्‍होंने कहा कि संदिग्ध लक्षण वाले लोगों के रक्त आदि की जांच कराएं. भले ही अभी मंकी पॉक्स को लेकर कोई केस सामने नहीं आया हो, पर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों को शुरू कर दिया. स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में पूरी सतर्कता बरत रही है. साथ ही विभाग की ओर से राजकीय मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का वार्ड भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
कोरोना संक्रमण के बाद देश भर में तेजी से फैल रहे मंकी और चिकन पॉक्स बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर लक्षण एवं इलाज के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. शासकीय सहित निजी अस्पतालों में इलाज के लिए संदिग्ध मरीजों के सैंपल पुणे स्थित लैब भेजे जाएंगे.


मंकीपॉक्स के संक्रमण में तेजी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने प्रभावित देशों से इस पर नियंत्रित करने के लिए सभी मामलों और संपर्कों की पहचान करने का आग्रह किया है. Monkeypox के आगे प्रसार को रोकने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब तक कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन गैर-स्थानिक देशों में मंकीपॉक्स का जोखिम है. वहीं, टीकों के बारे में बोलते हुए टेड्रोस ने कहा, "एंटीवायरल और वैक्सीन मंकीपॉक्स के लिए स्वीकृत हैं, लेकिन ये सीमित आपूर्ति में हैं."
बता दें कि मंकीपॉक्स में आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. इसकी वजह से स्किन पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं जो आमतौर पर हफ्तों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी स्थिति बिगड़ने पर मरीज की मौत हो सकती है.
मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान तो है लेकिन उससे कम गंभीर है. मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन से संबंधित है. 1958 में बंदरों में दो चेचक जैसी बीमारियों का पता लगा था, उनमें से ही एक मंकीपॉक्स था.
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