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34 मेगावाट के प्रोजेक्ट से रोशन रहेगा एम्स

Shantanu Roy
12 Sep 2023 11:14 AM GMT
34 मेगावाट के प्रोजेक्ट से रोशन रहेगा एम्स
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बिलासपुर। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा रहेगी। जिला का सबसे बड़ा 132/33 केवी बिजली क्षमता का सब स्टेशन एम्स के पास बन रहा है। 34 मेगावाट क्षमता के इस प्रोजेक्ट का कार्य यूपी के गाजियाबाद की मैसर्ज जेएसपी कंपनी के जिम्मे है। वहीं, कांगू ग्रिड से कोठीपुरा एम्स के लिए 132 केवी की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। चिन्हित 35 हेक्टेयर वन भूमि की स्टेज वन की अप्रूवल मिलने के बाद अब स्टेज टू की क्लीयरेंस का इंतजार है। ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का कार्य यूपी के मेरठ की कुमार ट्रेडिंग कंपनी को अवार्ड हुआ है। 18.01 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन की जद में 6300 छोटे बड़े पेड़-पौधे आएंगे।
खास बात यह है कि जितने भी पेड़ पौधे कटेंगे, उससे दोगुना पौधे संबंधित वन भूमि पर रोपे जाएंगे। 70 हेक्टेयर जमीन पर प्लांटेशन की जाएगी, जिसके लिए पौने दो करोड़ रुपए संबंधित कंपनी को विभाग के पास जमा करवाने होंगे। बिलासपुर के कोठीपुरा में लगभग 1500 बीघा जमीन पर निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 34 मेगावाट का बिजली सब-स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है और अब तक 75 परसेंट कार्य पूरा किया जा चुका है। 32 करोड़ रुपए लागत से यह प्रोजेक्ट मैसर्ज जेएसपी कंपनी बना रही है। जिला बिलासपुर में 132/33 केवी का यह बिजली का सबसे बड़ा सब-स्टेशन होगा। इस सब स्टेशन में आठ फीडर होंगे। चार फीडर एम्स के लिए, जबकि शेष चार बिलासपुर व आसपास एरिया में बिजली गुल होने पर कार्य करेंगे।
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