भारत

Economic front: चुनाव नतीजों बाद विदेशी एजेंसियों ने कहा आर्थिक मोर्चे पर हो सकती ये परेशानी

Deepa Sahu
5 Jun 2024 3:19 PM GMT
Economic front: चुनाव नतीजों बाद विदेशी एजेंसियों ने कहा आर्थिक मोर्चे पर हो सकती ये परेशानी
x
new delhi :चुनाव में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल पाई है भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली एनडीए को लोकसभा में मामूली बहुमत मिलने से दूरगामी आर्थिक और वित्तीय सुधारों में देरी हो सकती है. यह कहना है यूएस की रेटिंग एजेंसी मूडीज का. बीजेपी ने 2014 के बाद पहली बार अपना बहुमत खो दिया और 543 सीट वाली लोकसभा में से 240 सीट ही हासिल कर पाई. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की योजना बना रही है, जिसने 52 सीट जीती हैं. इससे गठबंधन को 292 सीट का बहुमत हासिल हो जाता है.
मूडीज ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि नीतिगत निरंतरता, खासकर बुनियादी ढांचे पर खर्च और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर बजटीय जोर के संबंध में मजबूत आर्थिक वृद्धि को समर्थन प्रदान करेगी.’’ एजेंसी ने कहा, ‘‘हालांकि, एनडीए की अपेक्षाकृत कम अंतर से जीत व संसद में बीजेपी का पूर्ण बहुमत खोने से दूरगामी आर्थिक और राजकोषीय सुधारों में देरी कर सकती है, जिससे फाइनेंशियल कंसोलिडेशन की दिशा में हो रहा काम बाधित हो सकता है.’’
मूडीज ने कहा, ‘‘भारत की आर्थिक ताकत को लेकर हमारा आकलन है कि वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर करीब सात प्रतिशत रहेगी.’’ रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘उसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक भारत जी-20 में अन्य सभी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगा.’’
फिच रेटिंग्स ने क्या कहा? देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपना पूर्ण बहुमत खोने और सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर होने से भूमि तथा श्रम जैसे महत्वाकांक्षी सुधार एजेंडे के लिए चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं. फिच रेटिंग्स ने बुधवार को यह बात कही. फिच
रेटिंग्स ने कहा,
‘‘ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए अगली सरकार बनाएगी और प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार सत्ता में वापस आएंगे. हालांकि कमजोर बहुमत के साथ यह सरकार के महत्वाकांक्षी सुधार एजेंडे के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकता है.’’
फिच ने कहा, ‘‘बीजेपी पूर्ण बहुमत से चूक गई है और उसे अपनेalliance सहयोगियों पर अधिक निर्भर रहना होगा, इसलिए विवादास्पद सुधारों को पारित करना अधिक कठिन हो सकता है. खासकर भूमि और श्रम के संबंध में जिन्हें हाल ही में भाजपा ने भारत की मैन्युफैक्चरिंग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिएPriority के रूप में चिह्नित किया है.’’ हालांकि, फिच ने उम्मीद जतायी कि बहुमत कम होने के बावजूद नीतिगत निरंतरता बनी रहेगी.
Next Story