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सरकारी के बाद प्राइवेट अस्पताल में भी डायलिसिस सुविधा बंद

Shantanu Roy
24 April 2024 10:28 AM GMT
सरकारी के बाद प्राइवेट अस्पताल में भी डायलिसिस सुविधा बंद
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ऊना। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में दो महीने पहले बंद हुए डायलिसिस सेंटर के बाद निजी अस्पताल में शुरु की गई अस्थायी डायलसिस सुविधा भी ठप होकर रह गई है। ऊना-हमीरपुर रोड़ पर स्थित एक निजी अस्पताल में अस्थायी डायलिसिस सेंटर बनाया गया था, लेकिन निजी स्वास्थ्य संस्थान में चल रहे डायलिसिस सेंटर के कर्मचारी केंद्र को ताला लगाकर बिना बताए भाग गए हैं। निजी अस्पताल में डायलसिस करवाने आ रहे मरीजों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर निजी स्वास्थ्य संस्थान के कर्मचारी पंजाब से डायलसिस सेंटर चलाने के लिए कर्मचारियों को हायर करने में जुट गए हैं। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में दो माह पहले बंद हुए डायलिसिस सेंटर के दोबारा शुरु न हो पाने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। बताते चले कि क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में एक निजी कंपनी के माध्यम से डायलिसिस सेंटर चलाया जा रहा था। दो माह पहले निजी कंपनी के साथ करार खत्म होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक अन्य कंपनी के साथ अनुबंध किया है।
नई कंपनी द्वारा सेंटर का रेनोवेशन करने के चलते समय मांगा है। जिसके चलते यहां पर डायलिसिस करवाने वाले मरीजों की व्यवस्था ऊना-हमीरपुर रोड़ स्थित निजी अस्पताल व रक्कड़ कालोनी स्थित निजी अस्पताल में डायलिसिस सेंटरों में की गई। जहां पर ऊना-हमीरपुर रोड़ स्थित निजी अस्पताल में चल रहे डायलसिस सेंटर के कर्मचारी सेंटर पर ताला जडक़र बिना बताएं भाग खड़े हुए है। डायलसिस सुविधा ठप होने से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव भी फूल गए है। डायलिसिस करवाने वाले रोगियों का आरोप है कि निजी स्वास्थ्य संस्थान में उन्हें मनमर्जी के मुताबिक डायलिसिस के लिए बुलाया जाता था। उन्हें निजी अस्पतालों में आधी-आधी रात को बुलाया जाता है। उनकी मजबूरी होने के कारण वह निजी अस्पतालों की मनमर्जी सहन करते रहे। अब जब वह निजी स्वास्थ्य संस्थान के डायलसिस सेंटर में पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ था। जिससे दूर-दराज क्षेत्रों से ऊना पहुंचे मरीजों को भारी परेशानी हुई। मरीजों ने बताया कि कई मरीज चिंतपूर्णी, कांगड़ा, जसवां कोटलां व नैहरियां आदि दूर-दराज क्षेत्रों से पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से उन्हें निजी अस्पतालों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है।
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