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शिलाई. लालढांग-हाटकोटी राष्ट्रीय उच्च मार्ग-707 शिलाई के समीप लोहराड़ मोड़ पर पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरकने से मार्ग बंद हो गया है। यह मार्ग उस समय बंद हुआ जब मार्ग का कार्य कर रही एक निजी कंपनी ने मार्ग के अंदरूनी किनारे में पत्थर निकालने के लिए डीप कटिंग कर डाली। क्रशर बनाने के लिए पत्थर निकालते समय पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा नीचे आ गिरा, जिससे मार्ग बंद हो गया तथा पहाड़ी के ऊपर लोगों की निजी भूमि भू-स्खलन से नष्ट हो गई। भूखंड के इस मलबे में बड़ी-बड़ी चट्टानों से सडक़ भर गई है। वहीं मलबा नीचे घासनियों में पहुंच गया है। रात से सडक़ के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। शिलाई की ओर आने जाने वाली दो दर्जन यात्री बसों के रूट प्रभावित हो गए हैं। गौर हो कि इन दिनों पीक पर चले टमाटर की भरी गाडिय़ां सोमवार रात से मौके पर गर्मी के कारण खड़ी हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मार्ग बहाल करने की मांग की है।
सोमवार को शिलाई से पांवटा की ओर सात किलोमीटर दूरी पर लोहराड़ मोड़ पर एनएच का काम कर रही निजी कंपनी क्रशर बनाने के लिए सडक़ के ऊपरी किनारे पर भारी कंपन उत्पन्न करने वाली मशीन से पत्थर निकाल रही थी। मशीन द्वारा उपर की ढांक की तरफ डीप कटिंग की गई। मशीन के कंपन व डीप कटिंग से ऊपर से पहाड़ी दरक गई। फिर क्या था देखते ही देखते बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे आ गई। यहां से 108 आपात वाहन को भी वाया मिनस-विकासनगर होते हुए 100 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी से भेजा जा रहा है। सडक़ बंद होने से किसानों के लाखों रुपए के टमाटर वाहनों में सड़ गए हैं। मार्ग बंद होने से शिलाई, रोनहाट, नैनीधार, चौपाल, रोहड़ू की 60 पंचायतों का संपर्क अन्य जगहों से टूट गया है।
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