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फ्लाईओवर निर्माण का लेकर AAP ने बीजेपी पर निशाना साधा, कहा-60 पन्नों की ऑडिट रिपोर्ट हमारे हाथ लगी
Apurva Srivastav
6 March 2021 6:24 PM GMT
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दिल्ली में एक ऐसा फ्लाईओवर भी है, जिसे लेकर कई सालों बाद भी आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं में जुबानी जंग जारी है
दिल्ली में एक ऐसा फ्लाईओवर भी है, जिसे लेकर कई सालों बाद भी आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं में जुबानी जंग जारी है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाए गए रानी झांसी फ्लाईओवर को लेकर सामने आई एक ऑडिट रिपोर्ट के बहाने AAP ने बीजेपी पर निशाना साधा. AAP ने BJP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष को रानी झांसी फ्लाईओवर की ऑडिट रिपोर्ट मीडिया के सामने पढ़ने का चैलेंज भी दिया है.
AAP के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज झांसी फ्लाईओवर की 55 से 60 पन्नों की ऑडिट रिपोर्ट हमारे हाथ लगी है. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, इस फ्लाईओवर के निर्माण का निर्णय 1995 में लिया गया था, लेकिन यह फ्लाईओवर 2018 में बनकर तैयार हुआ. इस अनुसार इस फ्लाईओवर को बनने में लगभग 24 साल लग गए. जब इस फ्लाईओवर के निर्माण का फैसला लिया गया तो इसके टेंडर की लागत 175 करोड़ तय की गई, लेकिन इसे बनने में 724 करोड़ रुपये लगे.
एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट पेश करते हुए दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया और कहा, "जब आप 54 पन्नों की इस ऑडिट रिपोर्ट को पढ़ेंगे तो इसमें 70 आपत्तियां जताई गई हैं. सबसे पहली आपत्ति यह है कि जब कोई सरकारी निर्माण होता है तो वह सरकारी निर्माण किस जगह होगा, उसकी जमीन कहां होगी, उस ज़मीन के अधिकरण के लिए एक खास सरकारी एजेंसी होती है.
रानी झांसी फ्लाईओवर की ज़मीन का अधिग्रहण किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं किया बल्कि बीजेपी के नेता और जो लोकल इंजीनियर थे, उन्होंने बैठकर एक-एक व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत रूप से डील किया. बीजेपी के नेताओं ने हर एक ज़मीन के अधिग्रहण के लिए एक नया रेट लगाया, एक नया सिस्टम बनाया और हर जमीन को खरीदने में पैसे खाए. जबकि यह पूरे हिंदुस्तान में कभी नहीं हुआ कि इंजीनियर और नेता बैठकर जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं. असल में यह काम ज़मीन अधिग्रहण एजेंसी का होता है."
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि "वहीं दूसरी और अरविंद केजरीवाल का मॉडल है. कुछ महीने पहले सीलमपुर के शास्त्री पार्क में फ्लाईओवर बनाया गया. इस फ्लाईओवर की लागत 302 करोड़ रुपये तय की गई और इसे लगभग ढाई सौ करोड़ रुपयों में तैयार कर लिया गया. दिल्ली सरकार ने इस फ्लाईओवर के निर्माण में लगभग 52 करोड़ रुपये की बचत की और इसे मात्र डेढ़ साल के अंदर बना लिया गया. यदि दिल्ली सरकार के पिछले 10 फ्लाईओवर देखे जाएं तो उन्होंने लगभग 508 करोड़ रुपये बचाए हैं."
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को चुनौती देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा, "मैं मीडिया के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष या जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाए उनको मैं आमंत्रित करता हूं कि आइए और मीडिया के सामने इस पूरी ऑडिट रिपोर्ट को पढ़िए. 54 पन्नों की इस ऑडिट रिपोर्ट को मीडिया के सामने पढ़ा जाए जिससे दिल्ली और देश की जनता को यह पता चल सके कि बीजेपी क्या कर रही है."
उधर, दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, आप नेता दुर्गेश पाठक के द्वारा रानी झांसी रोड फ्लाईओवर प्रोजेक्ट की लागत वृद्धि को एक घोटाला बताना, उनकी जोड़-तोड़ की ओछी राजनीतिक बयानबाजी का भाग है. सभी को मालूम है कोर्ट केस, मुआवज़ा दावों और अन्य मानवीय कारणों के चलते 1998 में प्रारम्भ हुआ. यह प्रोजेक्ट 20 वर्ष बाद सन 2019 में पूरा हुआ. इस बीच लागत प्रस्तावित 175 करोड़ से बढ़ कर 724 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.
बीजेपी प्रवक्ता ने आम आदमी पार्टी नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि "दुर्गेश पाठक भली भांति जानते हैं कि यह कोई घोटाला नहीं बल्कि लागत वृद्धि है. मगर वह अपनी आदत अनुसार केवल ओछी बयानबाजी कर रहे हैं. दिल्ली की जनता वास्तविकता जानती है और किसी छलावे में नहीं आएगी. वैसे अगर दुर्गेश पाठक विलम्ब के कारण लागत वृद्धि को भ्रष्टाचार कहना चाहते हैं तो फिर वह यह भी बताएं कि उनकी सरकार के अंतर्गत सिग्नेचर ब्रिज की हुई लागत वृद्धि को भी वह भ्रष्टाचार मानते हैं क्या?
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