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बच्चों की खाल उधेड़ देने का मामला सामने आया है.
हरियाणा में फतेहाबाद के टोहाना में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 40 छात्रों की सामूहिक पिटाई करके बच्चों की खाल उधेड़ देने का मामला सामने आया है. सामूहिक पिटाई के बाद 10 छात्रों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. पिटाई से घायल हुए छात्रों और उनके परिजनों ने पुलिस को मामले की शिकायत दर्ज करवाई है.
घटना 6 सितंबर को हुई और स्कूल से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी मंगलवार दिनभर मामले को दबाने का प्रयास करते रहे. पुलिस विभाग से लेकर स्कूल और शिक्षा विभाग किसी भी अधिकारी ने मामले में सामने आकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
आखिरकार देर शाम फतेहाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग सामने आए और जानकारी देते हुए बताया कि टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक कक्षा के छात्रों की सामूहिक पिटाई के मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और शिक्षा विभाग की तरफ से भी खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई थी. खंड शिक्षा अधिकारी ने रिपोर्ट अभी तक सबमिट नहीं की है. जैसे ही खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से पूरे मामले की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सबमिट करवा दी जाएगी, रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर आरोपी स्कूल स्टाफ पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
पिटाई के पूरे मामले की जानकारी देते हुए अस्पताल में भर्ती घायल छात्र प्रीतपाल सिंह ने बताया कि कक्षा में पीछे की तरफ बैठे किसी एक बच्चे ने सीटी मारने की शरारत की थी और इस दौरान कक्षा में पहुंची अध्यापिका ने तैश में आकर पूरी कक्षा को बाहर बुला लिया और मुर्गा बनाकर सब की पिटाई की. डंडों से बुरी तरह सभी बच्चों की कमर और शरीर के दूसरे हिस्सों पर छोटे मारी गई जिससे कई छात्रों के शरीर पर गहरे निशान हो गए और खून निकल आया. इसके अलावा कई बच्चों को चक्कर आ गए और कईयों की हालत गंभीर हो गई जिसके बाद छात्रों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. हमारी मांग है कि बच्चों की पिटाई करने वाले अध्यापकों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
वहीं गंभीर चोट लगने के बाद अस्पताल से अपने परिजन के साथ शिकायत लेकर थाने पहुंचे छात्र परमजोत ने बताया कि स्कूल में किसी एक बच्चे की शरारत की वजह से 3 अध्यापकों ने पूरी कक्षा के सभी बच्चों की बुरी तरह से पिटाई की. डंडों से बच्चों की इतनी पिटाई की गई कि शरीर पर मार-मार के डंडे ही तोड़ दिया गए. यहां तक कि पिटाई करने वाले अध्यापकों ने कई बच्चों से गाली गलौज भी की. छात्र ने कहा कि पूरी कक्षा की इस कदर पिटाई की गई कि कई छात्र बेहोश हो गए और और कई छात्र अब सदमे में है और स्कूल जाने से डर रहे हैं. अस्पताल में भर्ती छात्र हनुमान ने बताया कि किसी एक बच्चे की शरारत की वजह से पूरी कक्षा को सजा दी गई जो कि गलत है. हमारी मांग है कि स्कूल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि दोबारा से इस तरह बच्चों को कोई ना पीटे.
थाने पहुंचे एक पीड़ित छात्र के अभिभावक रामचंद्र ने बताया कि स्कूल में बच्चों को बुरी तरह से पीटा गया है, जबकि किसी एक बच्चे ने शरारत की थी. हालांकि जिस बच्चे ने शरारत की थी उसे भी थप्पड़-चांटे लगाकर समझाया जा सकता था, लेकिन एक बच्चे की गलती की वजह से पूरी कक्षा के बच्चों को इस कदर पीटा गया कि बच्चों के शरीर उधेड़ दिए गए और कई बच्चों के शरीर पर चोटें मार-मार कर खून निकाल दिया गया. सरकारी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ने आते हैं और बच्चों के साथ इस तरह का सलूक करना गलत है. जो भी अध्यापक बच्चों की इस तरह पिटाई करने के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि इस तरह से कोई बच्चों को दोबारा पीटने की हिम्मत ना करे.
फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस के पास पहुंची शिकायत पर स्कूल के तीन आरोपी अध्यापक पीटीआई रजनी, डीपी मांगेराम और लेक्चरर चरणजीत सिंह के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट की धारा 3, आईपीसी की धारा 294, 323 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा विभाग भी मामले में सख्त कार्रवाई करने के लिए ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.
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