काबुल एयरपोर्ट के बाहर पानी की एक बोतल 3000 रुपये, भूखे प्यासे रहने को मजबूर लोग
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के घुसने के साथ ही पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से यहां पर अफरा-तफरी का माहौल है. तालिबान की इस हकीकत से तो सारी दुनिया वाकिफ है. लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर अफगानिस्तान के लोग जिस टॉर्चर से गुजर रहे हैं, उसके लिए इतिहास तालिबान को कभी माफ नहीं करेगा. काबुल एयरपोर्ट पर चारों तरफ हताशा और मायूसी है. हर आदमी बदहवास और नाउम्मीद है.
काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की इस हालत की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं. जो 31 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने पर अड़े हुए हैं. तालिबान भी विदेशियों के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने की 31 अगस्त की डेडलाइन को आगे बढ़ाने को राजी नहीं है. ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर फंसे उन हजारों लोगों के सामने जिंदगी और मौत का सवाल खड़ा हो गया है. इतने कम वक्त में अगर वो काबुल से नहीं निकले तो तालिबान उनका क्या करेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता