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प्रारंभिक-उच्च शिक्षा विभाग में 27 हजार पद खाली, न प्री-प्राइमरी टीचर मिले

Shantanu Roy
16 Dec 2024 11:12 AM GMT
प्रारंभिक-उच्च शिक्षा विभाग में 27 हजार पद खाली, न प्री-प्राइमरी टीचर मिले
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Shimla. शिमला। एक तरफ शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में अचानक गिरी एडमिशन के कारण ढूंढ रहा है, तो दूसरी तरफ खाली पद कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं। क्वालिटी एजुकेशन की वर्कशॉप में पिछले महीने खुद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने आंकड़ा दिया था कि प्रदेश में 180 सरकारी स्कूल अभी भी बिना टीचर के चल रहे हैं और 3100 स्कूलों को एक मात्र टीचर संभाल रहा है। प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा को अगर मिला दें, तो शिक्षकों के 27000 से ज्यादा पद अभी खाली चल रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि सरकारी स्कूलों में एन्रोलमेंट कैसे बढ़ेगी। शिक्षा विभाग ने कम होती एनरोलमेंट को संभालने और प्राइवेट स्कूलों को कंपीटीशन देने के लिए प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू कीं। तीन हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 64000 बच्चे एडमिट भी कर लिए, लेकिन आज तक प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। यह काम भी जेबीटी
कर रहे हैं।


राज्य सरकार ने 6297 प्री-प्राइमरी टीचर्स की भर्ती आउटसोर्स पर करने के लिए स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डिवेलपमेंट कारपोरेशन को दी, लेकिन हाई कोर्ट में स्टे लगने के कारण यह अभी लंबित है। पिछले दो साल में 2151 टीजीटी और जेबीटी बैचवाइज भर्ती किए गए, लेकिन 2800 पद कमीशन के जरिए नहीं भरे गए। शास्त्री के 494 और पीईटी के 870 पद हाई कोर्ट में केस होने के कारण नहीं भरे जा सके। चिंता की बात यह है कि वर्ष 2024 25 में सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में सिर्फ 22146 बच्चे आए हैं और निजी स्कूलों में 46426 की एडमिशन हुई है। यानी कुल 68572 एडमिशन में से सरकारी स्कूलों को सिर्फ 32 फ़ीसदी बच्चे मिले हैं। यह अब तक का सबके कम आंकड़ा है। शिक्षा विभाग राज्य में सरकारी नौकरी देने वाला सबसे बड़ा महकमा है। एक लाख से ज्यादा कर्मचारी सिर्फ इसी विभाग में हैं। इनमें से 86476 पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में और 50327 पद उच्च शिक्षा विभाग में हैं। हालांकि इनमें से 27000 से ज्यादा पद भी खाली चल रहे हैं। यदि इस विभाग में भी अच्छी शिक्षा के लिए अभिभावकों का भरोसा सरकारी स्कूलों में नहीं आया, तो इसका असर रोजगार पर भी होगा।
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