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Hospice. धर्मशाला। कांगड़ा जिला से सरकार पर भेदभाव के आरोप लगने के बाद सरकार ने जयसिंहपुर के विधायक और मंत्री यादविंद्र गोमा को नई उम्मीदों के साथ मंत्री बना दिया। उम्मीद लगाई जा रही थी कि श्री गोमा कांगड़ा में डैमेज कंट्रोल करेंगे, लेकिन डैमेज कंट्रोल तो क्या, लोकसभा चुनाव में गोमा के क्षेत्र में ही पार्टी को बड़ा डैमेज हो गया। कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को करीब साढ़े आठ हजार से अधिक मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। इससे पार्टी व सरकार कांगड़ा के इन मंत्री व नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है, जिसके आने वाले समय में परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि मंत्री के क्षेत्र मेंं ही लीड नहीं मिल पाई, तो अन्य स्थानों पर क्या।
पार्टी के भीतर चल रही समीक्षा और मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड ने उनके सियासी भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के भीतर इस बात का भी तूफान है कि जिन्हें मंत्री बनाकर सरकार में बड़े ओहदे दे दिए यदि वह पार्टी के लिए न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी महौल बनाएंगे, लेकिन यहां तो उल्टा ही हो गया। मंत्री यादविंद्र गोमा बुरी तरह से पिट गए और बड़े मार्जन से पार्टी प्रत्याशी आनंद शर्मा की हार हो गई। बताया जा रहा है कि आनंद शर्मा भी इस बात से हैरान हैं कि ऐसा क्या हो गया कि जिला के मंत्री व कैबिनेट रैंक वाले नेता भी अपने-अपने क्षेत्रों में जितने उन्होंने विधानसभा चुनावों में वोट लिए थे, उतने भी नहीं दिला पाए।
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