जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ जिलों की सीमा पर घने जंगल में पिछले छह दिन से चल रहे एनकाउंटर में दो और सैनिक शहीद हो गए हैं। शनिवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान एक जेसीओ सहित 2 सैनिकों के शव मिले। छह दिन से चल रहे इस एनकाउंटर में अब तक 9 सैनिक सर्वोच्च बलिदान कर चुके हैं, जिनमें 2 जेसीओ शामिल हैं। पुंछ के सुरनकोट जंगल में यह एनकाउंटर सोमवार को शुरू हुआ था, जोकि बाद में राजौरी के थानामंडी से पुंछ के मेंढर तक फैल गया। अधिकारियों ने बताया कि एक जेसीओ और एक जवान का शव मेंढर के नार खास वन क्षेत्र में उस स्थान के पास से मिले जहां गुरुवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान जान गंवाने वाले जवानों की संख्या अब बढ़कर चार हो गई है। इससे पहले राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह की नार खास वन में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने की पुष्टि हुई थी। नेगी और सिंह दोनों उत्तराखंड के थे।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत सेना के 5 जवान उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट वन में सेना के एक गश्ती दल पर हमला कर दिया था। उसी दिन राजौरी के थानामंडी जंगल में फरार आतंकवादियों और सेना के तलाश दल के बीच मुठभेड़ हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि मेंढर से थानामंडी तक के पूरे वन क्षेत्र की कड़ी घेराबंदी कर दी गयी है और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है। आतंकवादी घेराबंदी से बचने की कोशिश में एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। राजौरी-पुंछ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक विवेक गुप्ता ने मंगलवार को बताया था कि पुंछ में सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल आतंकवादी पिछले दो से तीन महीनों से इलाके में मौजूद थे।
जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में इस साल जून के बाद से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गईं हैं। अलग-अलग मुठभेड़ों में 9 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। इस बीच, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि राइफलमैन नेगी और सिंह के पार्थिव शरीर शनिवार सुबह विमान से उत्तराखंड ले जाए गए। हवाईअड्डे से जवानों का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके गृह नगर ले जाए जाएंगे और पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।