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त्रिपुरा में कोरोना की दूसरी लहर में 154 लोगों की गई जान...वैक्सीन न लगने वालों की संख्या ज्यादा

Khushboo Dhruw
6 Jun 2021 5:29 PM GMT
त्रिपुरा में कोरोना की दूसरी लहर में 154 लोगों की गई जान...वैक्सीन न लगने वालों की संख्या ज्यादा
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त्रिपुरा में कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर में 49 महिलाओं और एक बच्चे सहित 154 लोगों की जान चली गई है

त्रिपुरा में कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर में 49 महिलाओं और एक बच्चे सहित 154 लोगों की जान चली गई है. राज्य में 53,000 से 2000 से ज्यादा कोरोना मरीजों की संख्या इस साल दर्ज की गई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 154 मौतों में से 142 मौतें कोविड केयर सेंटरों में हुईं. अन्य की आइसोलेशन अवधि के दौरान उनके घरों में मृत्यु हो गई.

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि उनमें से 154 में से 129 लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी थी. 16 ने कोविड के खिलाफ टीके का पहला जाब लिया था. जबकि केवल नौ को कोरोना की दूसरी खुराक दी गई थी. विशेषज्ञों ने आगे दावा किया कि उनमें से अधिकांश ने नियमित समय पर कोविड -19 परीक्षण नहीं किया था और 63 पहले से किसी रोग से पीड़ित थे. 96 मौतों के साथ पश्चिम जिले में सबसे अधिक टोल दर्ज किया गया. सिपाहीजाला में 20 मौतें दर्ज की गईं, उसके बाद उनाकोटी में 14, धलाई में 7, खोवाई और गोमती में 6, दक्षिण में 3 और उत्तर में 2 मौतें हुईं.
HC ने राज्य को टीके प्रक्रिया का दिया आदेश
1 अप्रैल से 3 जून तक तीन लाख से अधिक सैंपल का परीक्षण किया गया. 20,000 से अधिक कोविड -19 सकारात्मक पाए गए और इस अवधि के दौरान 147 रोगियों की मृत्यु हो गई. संक्रमण दर 5.57 प्रतिशत थी", त्रिपुरा के नोडल अधिकारी डॉ. दीप कुमार देबबर्मा ने बताया.कुछ जिलों में कोविड -19 टीकों की भारी कमी को देखते हुए, उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य से टीके बांटने के लिए उचित उपायों पर गौर करने को कहा था.
कोरोना महामारी से जंग जीतने के लिए वैक्सीनेशन कार्य को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, लेकिन देशभर में कोविड-19 वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण की रफ्तार एकदम धीमी हो चुकी है.देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का टीकाकरण शुरू कर दिया गया था. वहीं 1 मई से 18 से ज्यादा उम्र वालों का टीकाकरण शुरू किया गया. लेकिन देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के चलते सब कई लोगों को कोरोना का पहला टीका नहीं लग पाया. जिसके लिए केंद्र सरकार ने दूसरे देश से बात की है.


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